जिस प्रकार सतत साधना से तन और मन आध्यात्मिक दृष्टि से तपता रहता है, उसी प्रकार लगातार लक्ष्मी तरु के पौधे उगाना, उन्हें पालना, फिर रोपण के लिए पूरे देश में घूम-घूम कर नि:शुल्क उपलब्ध कराना किसी हठयोग यानी कठिन साधना से कम नहीं है। लक्ष्मी तरु का पौधारोपण साधना का पर्याय है।
उक्त संदेश शांतिकुंज हरिद्वार में श्रद्धेय डॉ. प्रणव पंड्या ने साधकों को दिया। आपने आगे कहा कि गायत्री परिवार वृक्ष गंगा अभियान के तहत प्रतिवर्ष पौधारोपण करता आ रहा है, लेकिन कृपावती रमेश वर्मा अकेले दंपत्ति ही एक मिशन है। एक दिन ऐसा आएगा जब बैतूल के साथ ही पूरे देश में लक्ष्मी तरु का पौधा चलते फिरते चिकित्सालय, वह भी बिना चिकित्सक, दवा, पर्ची एवं दवा दुकान के रूप में बिना भेदभाव के मानव सेवा करता रहेगा। दूरस्थ अंचल मलकापुर बैतूल से हरिद्वार के शांतिकुंज में आकर लक्ष्मी तरु का पौधा लगाने की आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी। दिव्य औषधीय पौधा मानव जाति का कल्याण करता रहेगा, ऐसी मेरी शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद है।
सनद रहे बैतूल के समीप ग्राम मलकापुर के सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश वर्मा प्राथमिक शिक्षकों के साथ मिलकर जिले के 1181 ग्रामों में यह पौधा लगवा चुके हैं। स्वयं उगाकर हजारों पौधे नि:शुल्क वितरित करने वाले वर्मा दंपति ने योग ग्राम के योग शिविर में परम पूज्य योग ऋषि स्वामी रामदेव जी को एवं आयुर्वेद शिरोमणि श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी को पतंजलि योगपीठ में पौधे सौंपने के बाद शांतिकुंज हरिद्वार में गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पंड्या जी को दिव्य औषधीय गुणों से भरपूर लक्ष्मी तरु के पौधे भेंट किए और उस पर खोज करने का भी निवेदन किया। रमेश वर्मा ने अंत में कहा कि है जिले के शिक्षकों का मार्गदर्शन मिलने का परिणाम है कि जिले को लक्ष्मी तरु युक्त करने के बाद अब आध्यात्मिक केंद्रों में यह पौधा अपनी जड़ें मजबूत करेगा। इस दौरान एक पौधा देहरादून, एक भुनेश्वर तथा एक पौधा लखनऊ भी साधकों के साथ भेजा गया।