स्वास्थ्य विभाग के जिला प्रशिक्षण केन्द्र बैतूल में इण्डिया हाइपरटेंशन कन्ट्रोल इनीसियेटिव (IHCI) कार्यक्रम के अंतर्गत मेडिकल ऑफिसर्स के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का शुभारंभ सीएमएचओ डॉ. एके तिवारी द्वारा किया गया।
आईएचसीआई कार्यक्रम का कियान्वयन डब्ल्यूएचओ (WHO), आईसीएमआर (ICMR) एवं रिजोल्व टू सेव लाइस के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। जागतिक स्वास्थ्य संगठन तथा आईसीएमआर द्वारा देश में किये गये सर्वे के अनुसार 30 वर्ष से अधिक उम्र के 22 प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप तथा 9 प्रतिशत लोगों में डायबिटीज के लक्षण पाये गये हैं।
उपरोक्तानुसार जिले में उच्च रक्तचाप (high blood pressure) के संभावित मरीजों की संख्या लगभग 151300 तथा 61900 डायबिटीज (diabetes) के मरीज बैतूल जिले में होने की संभावना है। इन्हें आने वाले तीन वर्षों में चिन्हित एवं पंजीकृत कर प्रोटोकॉल के अनुसार हर महीने नियमित रूप से दवाइयां नि:शुल्क प्रदान की जावेगी। जिससे असमय होने वाले हृदयघात एवं लकवा आदि खतरों से इन्हें बचाया जा सकेगा।
आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में सारे ब्लॉकों से आई स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा मंगलवार को 22 मेडिकल ऑफिसर्स को प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पर डब्ल्यूएचओ की कंसलटेंट डॉ. रुपाली भारद्वाज एवं डॉ. विश्वजीत भारद्वाज ने भी उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों को हाइपरटेंशन तथा डायबिटीज नियंत्रण कार्यक्रम एवं नियोजन की बारीकियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा द्वारा जरूरत पड़ने पर ई. संजीवनी टेलीमेडीसिन पोर्टल के माध्यम से भी उचित उपचार उपलब्ध कराये जाने के बारे में अवगत कराया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. विनोद शाक्य तथा एनसीडी नोडल अधिकारी डॉ. भावना कवड़कर, जिला प्रशिक्षण अधिकरी मधु शुक्ला तथा आईएचसीआई कार्यक्रम के जिला उपचार परिवेक्षक प्रवीण मगरदे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।