◼️ उत्तम मालवीय, बैतूल
रजक समाज बैतूल के जिला अध्यक्ष और तुलसी कैमिस्ट्री कोचिंग क्लासेस के संचालक तुलसी मालवी गत दिनों हादसे का शिकार हो गए। रायसेन जिले के औद्योगिक क्षेत्र सतलापुर थाना क्षेत्र में उनकी कार को एक कंटेनर ने टक्कर मार दी। हादसे में कार में सवार किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं आई। एक नजर में इसे सामान्य या मामूली हादसा कहा जा सकता है। लेकिन जिन कारणों से यह हादसा सामान्य या मामूली हादसा बना उस कारण पर हम नजर डाले तो यह हादसा एक सबक लेने वाला हादसा है।
उस कारण की हम आगे बात करेंगे, पहले यह जान लेते हैं कि हादसा कब, कहां और कैसे हुआ। घटना 1 मई की शाम 4.30 बजे के आसपास की है। श्री मालवी अपनी पत्नी प्रज्ञा मालवी और साली चारूलता सोलंकी के साथ भोपाल से होशंगाबाद के लिए निकले। सुबह उनकी पत्नी की नानी जी का स्वर्गवास हो गया था। जिनके दाह संस्कार हेतु वे आई10 कार क्रमांक MP-48/C-1989 से निकलते हैं। कार वे स्वयं चला रहे थे।
वे गल्ला मंडी के सामने NH-46 पर पहुंचे ही थे कि तभी पीछे एक कटेनर क्रमांक HR-38/AC-4532 के अज्ञात चालक द्वारा अपने कंटेनर को तेजी व लापरवाहीपूर्वक चलाते लाया और कार को ओवरटेक कर ड्राईवर तरफ से टक्कर मार दिया। जिससे कार का ड्रायवर साईड के अगला व पिछला गेट क्षतिगस्त हो गया। ड्राइवर साइड में पीछे से लेकर सामने तक गाड़ी बुरी तरह से डेमेज हो चुकी थी। इसके बावजूद कार में सवार किसी भी व्यक्ति को खरोच तक नहीं आई। इन सबकी एक मात्र वजह केवल और केवल सीट बेल्ट (Seat Belt) था। एक सीट बेल्ट ने कैसे 3 जानें बचाई और हादसे के बाद का क्या डरावना मंजर था, अब आगे यह जानते है श्री मालवी के ही शब्दों में…
श्री मालवी बताते हैं कि माता, पिता व ईश्वर के आशीर्वाद तथा आप सभी के स्नेह व आशीष के कारण मैं और मेरा परिवार सुरक्षित है, लेकिन सत्य कहूं तो हमारे सुरक्षित होने का सबसे बड़ा कारण सीट बेल्ट है। दो मिनट पहले मैंने पेट्रोल गाड़ी में डलवाया और सीट बेल्ट लगाकर गाड़ी को आगे बढ़ाया। आदत के अनुसार मैं बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाई ही नहीं पाता हूं। बस सफर चालू ही हुआ था कि अहसास होता है कि कुछ गलत हो चुका है। गाड़ी अनबैलेंस होने लगी। आखिर कंटेनर की टक्कर ही पीछे से लेकर ड्राइवर गेट तक बड़ी जोरदार थी।
गाड़ी पूरे रोड पर 360 डिग्री से घूमकर सीधे डिवाइडर पर चलने लगी। शुक्र है कि दिमाग बिल्कुल कॉन्शियस था और सीट बेल्ट बंधा होने के कारण मेरा संतुलन नहीं बिगड़ा। मैंने स्टेयरिंग पर पूरा कंट्रोल रखा लेकिन गाड़ी डिवाइडर पर भी दौड़ी जा रही थी। स्टेयरिंग को फोकस रखने के अलावा कोई ऑप्सन नहीं था। ब्रेक लगाना मतलब गाड़ी को पलटने की ओर ले जाना था। बस सीट बेल्ट ने मेरा संतुलन बिगड़ने नहीं दिया और गाड़ी अपने आप डिवाइडर पर बैठी गौमाता के बिल्कुल करीब जाकर रुक जाती है। 10 से 15 मिनट अब सोचने समझने की शक्ति भी खत्म हो गई। फिर पब्लिक की भीड़ जमा होती है। सब दिलासा देते है कि ईश्वर ने आपको बचा लिया। प्रत्यक्ष देखने वाले ने तो यह तक कह दिया कि गाड़ी में कोई भी नहीं बचा होगा। पुलिस भी आ जाती है।
एकत्रित सभी आश्चर्यचकित रह जाते हैं कि ड्राइवर साइड में पीछे से लेकर सामने तक गाड़ी बुरी तरह से डेमेज है किंतु गाड़ी में बैठे किसी भी शख्स को खरोंच तक नहीं आती। जिसका सबसे बड़ा कारण सीट बेल्ट ही था। हम ईश्वर पर अति विश्वास करते हैं और ईश्वर हमारा साथ 100% देते हैं। बस जरूरत है ईश्वर के रूप को पहचानने की जो घटना के दिन बेल्ट के रूप में विद्यमान थे। सभी से आग्रह है कि गाड़ी चलाते समय यातायात नियमों का पालन कीजिये। मेरा अति विश्वास है कि ईश्वर आपको उन्हीं रूप में पहुंचकर आपकी सुरक्षा करेंगे। ध्यान रखिये जितने लोग आज इस दुनिया मे एक्सीडेंट की वजह से नहीं है, उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि उनके साथ अप्रिय घटना होगी। लेकिन घटना कहकर नहीं आती।
याद रखिये कि आपके बाद आपके परिवार का क्या होगा। जब मैं सोचता हूं कि उस दिन यदि मुझे और मेरी वाइफ को कुछ हो जाता तो मेरे दो बेटे एक 10 साल व दूसरा सिर्फ 5 साल का है, उनका क्या होता। इसलिए यातायात नियमों का पालन कीजिये, सीट बेल्ट/हेलमेट का उपयोग खुद के साथ-साथ परिवार के लिए भी कीजिये। आप हो तो आपका परिवार है, दुनिया की हर चीज है। सीट बेल्ट/हेलमेट भी श्री हरि के ही रूप हैं वरना बस यही कहा जाता कि ईश्वर ने बड़ा गलत किया। ईश्वर कभी गलत नहीं करते। मुझे अपने ऊपर गर्व हैं कि मैं सीट बेल्ट 100% इस्तेमाल करता हूं। बगल में हमारे बच्चे भी बैठते हैं और बच्चे अपने माता-पिता को फॉलो करते हैं। आप जिन नियमों का पालन करेंगे वो आपके बच्चों की आदत बन जाएगी और कई घर अप्रिय घटना से सुरक्षित होंगे।