शोपीस बनी लाखों की बिल्डिंग, जर्जर भवन में पढ़ रहे नौनिहाल

  • प्रकाश सराठे, रानीपुर
    रानीपुर में लाखों रुपये लागत की स्कूल बिल्डिंग बनकर तैयार है, लेकिन लंबे समय बाद भी अब तक उसका लोकार्पण नहीं हो सका है। इसके चलते पुरानी बिल्डिंग में बच्चे पढ़ रहे हैं। ऐसे में स्कूल के बच्च मजबूरी में पुरानी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल की बिल्डिंग में पढ़ रहे हैं।
    लोकार्पण नहीं होने के कारण बच्चों को असुविधा का सामना करते हुए प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल की जर्जर कक्षाओं में पढ़ने को विवश होना पड़ रहा है। माध्यमिक स्कूल में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक 139 बच्चे अध्ययन करते हैं। वहीं शासकीय हाईस्कूल में नौवीं और दसवीं में 274 बच्चे अध्ययनरत हैं। कक्षा 6 से लेकर कक्षा 10 तक यहां 413 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। पर्याप्त कक्ष नहीं होने से दो शिफ्ट में स्कूल लग रहा है। कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों की कक्षाएं सुबह 7.30 से 12.30 बजे तक और कक्षा 9 और 10 के बच्चों की पढ़ाई दोपहर 12 से 4.30 बजे तक होती है।
    लाखों के नए भवन का नहीं हो रहा कोई उपयोग।

    ग्रामीण मुकेश कहार, अशोक मुखड़े, विनय कहार, महेश वर्मा ने बताया कि बाहर से देखने में बिल्डिंग कंप्लीट लगती है और बस इसे लोकार्पण का इंतजार है। यदि शीघ्र ही इस बिल्डिंग का लोकार्पण हो जाता है तो बच्चों को अध्ययन करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी।

    बिल्डिंग तो कंप्लीट हो गई है परंतु उसमें बहुत सारे मेंटेनेंस के काम बाकी हैं। जैसे कि नल फिटिंग होना, शौचालय कंप्लीट होना, ब्लैक बोर्ड, बिजली फिटिंग के काम अभी नहीं हुए है। शीघ्र ही पीआईयू के अधिकारियों से बात करके स्कूल को विधिवत तरीके से शुभारंभ करने की बात उच्च अधिकारियों से करूंगी।
    बबीता वर्मा, प्राचार्य, शासकीय हाईस्कूल, रानीपुर

  • उत्तम मालवीय

    मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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