बैतूल। यह है बैतूल-इटारसी फोरलेन, इसका निर्माण 5 अरब 90 करोड़ की भारी भरकम लागत से हो रहा है, इसका उपयोग तो तेज गति से वाहनों को चलाने के लिए होना है, लेकिन फिलहाल इस पर किसानों द्वारा मक्का सुखाए जा रहे हैं। चौकिए नहीं, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है। बैतूल-इटारसी फोरलेन मार्ग का उपयोग भौंरा और शाहपुर के बीच इन दिनों किसानों द्वारा इसी काम के लिए किया जा रहा है। इस फोरलेन हाइवे को वैसे तो इसी अक्टूबर महीने में हैंड ओवर हो जाना था, लेकिन ठेका कम्पनी के द्वारा कछुआ चाल से किए जा रहे काम के कारण अभी तक काम आधा अधूरा ही हुआ है। ऐसे में इस फोरलेन पर वाहनों को कब फर्राटे भरने को मिलेगा यह भविष्य की गर्त में है, लेकिन किसानों ने इसका वैकल्पिक उपयोग शुरू कर दिया है। इन दिनों मक्का की फसल आ चुकी है। बड़े पैमाने पर उत्पादन होने के कारण उसे सुखाने के लिए जगह भी अधिक लगती है। दूसरी ओर भौंरा-शाहपुर के बीच कहीं-कहीं रोड बन तो गई है पर उस पर यातायात शुरू नहीं हुआ है। इसलिए किसानों द्वारा उसका उपयोग मक्का सुखाने में किया जा रहा है। इससे हालांकि ना तो हाइवे को कोई क्षति पहुंच रही है और ना ही यातायात पर जरा भी कोई असर पड़ रहा है, लेकिन यह अपने आप में एक दिलचस्प वाक्या तो है कि 6 अरब के फोरलेन पर मक्का की फसल सूख रही है। राहगीर भी इसे बड़ी अचरज भरी निगाह से देखते हैं। दो साल पहले इसी निर्माणधीन हाइवे पर जामठी क्षेत्र में किसान सोयाबीन बोने का कारनामा भी कर चुके हैं।
काम कब होगा पूरा, इसका नहीं ठिकाना
गौरतलब है कि इस फोरलेन का निर्माण जितेंद्रसिंह इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा किया जा रहा है। बताते हैं कि दो बार पहले ही एक्सटेंशन देने के बाद इसी अक्टूबर माह में कार्य पूर्ण कर यह फोरलेन हैंड ओवर किया जाना था, लेकिन अभी भी काम आधा अधूरा ही पड़ा है और इसे पूरा होने में लंबा समय लगेगा। अभी तो बरेठा घाट की कटिंग भी होना है और इसे ही लगभग दो साल लग सकते हैं। जिलेवासियों को उम्मीद थी कि वर्ष 2021 में भोपाल के सफर के लिए फोरलेन कम्प्लीट मिलेगा, लेकिन कंपनी की लापरवाही से यह अभी तक सिर्फ सपना बना है।
सांसद के दखल के बाद शुरू हुए थे पुल
लापरवाही का आलम यह था कि जिन पुलों के पिलर पिछले 3 सालों से खड़े थे उन पुलों तक को चालू नहीं किया गया था। बारिश में लगातार जाम लगने से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए मीडिया द्वारा लगातार यह मुद्दा उठाने पर सांसद डीडी उइके ने जब दखल दिया तब कहीं बारिश के शुरू होने पर शाहपुर-भौंरा क्षेत्र के पुल शुरू किए गए थे।