इस भीषण गर्मी में भी अब पक्षियों को न भूखे रहना होगा और न ही प्यासा। अपना सामाजिक व प्रकृति के प्रति सरोकार निभाते हुए लोकप्रिय समाचार पत्र दैनिक ताप्ती दर्शन ने संपादक विवेक (जवाहर) शुक्ला के जन्मदिन पर एक अनूठी पहल की। इस मौके पर जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए पक्षियों के लिए पेयजल पात्रों का वितरण किया गया। इसके साथ ही विभिन्न संस्थाओं का सम्मान भी किया गया।
दैनिक ताप्ती दर्शन समाचार पत्र अपने सामाजिक सरोकार निभाने में हमेशा अव्वल रहा है। कोरोना काल में जब लोग अस्पताल में बेड, दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर, आवागमन की सुविधा, उचित मार्गदर्शन और अन्य जरुरी सुविधाओं के लिए परेशान हो रहे थे, तब ताप्ती दर्शन समाचार पत्र ने हर क्षेत्र में मदद के लिए ‘हेल्पिंग हैंड’ के रूप में सेवाभावियों की एक बड़ी टीम खड़ी कर जरुरतमंद और परेशान लोगों को सहायता पहुंचाई थी।
इसके अलावा भी समय-समय पर दैनिक ताप्ती दर्शन द्वारा अपना सामाजिक सरोकार पूरा किया जाता है। इसी कड़ी में आज भीषण गर्मी में जहां मानव तक पानी के लिए परेशान हो रहा है वहीं मूक पशु-पक्षियों की क्या हालत होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
दैनिक ताप्ती दर्शन ने इन मूक पक्षियों की पीड़ा का एहसास कर उन्हें राहत पहुंचाने ऐसा अभियान शुरू किया जिससे कि लोग भी उनकी पीड़ा समझे और उन्हें अन्न-जल मुहैया कराए। आज से इस जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम शहर के नेहरू पार्क चौक पर आयोजित किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी संजय (पप्पी) शुक्ला ने बताया कि इस कार्यक्रम में पक्षियों के लिए पेयजल पात्रों का वितरण किया गया।
कार्यक्रम में बतौर अतिथि सांसद डीडी उइके, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी प्रशांत गर्ग, समाजसेवी मुकेश खंडेवाल, शिक्षाविद् डॉ. शिवकुमार शुक्ला, वरिष्ठ कांगे्रस नेता नरेंद्र शुक्ला, टीआई कोतवाली अपाला सिंह, टीआई महिला थाना संध्या सक्सेना, यातायात थाना प्रभारी विजय राव, गायत्री परिवार के प्रमुख कैलाश वर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान ही केक काटकर दैनिक ताप्ती दर्शन के संपादक विवेक (जवाहर) शुक्ला का जन्मदिन मनाया गया। इसके अलावा पक्षियों के लिए जल पात्र (सकोरे) रखने की आवश्यकता व महत्व से सभी लोगों को अवगत कराया गया। इस अवसर पर समाचार पत्र की ओर से विभिन्न संस्थाओं को जल पात्र वितरित किए गए।
सभी से अपील भी की गई कि वे इन सकोरों का प्रतिदिन उपयोग करते हुए पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें, जिससे अधिक से अधिक पक्षी लाभान्वित हो सके। इसके साथ ही विभिन्न संस्थाओं का सम्मान भी इस अवसर पर किया गया। कार्यक्रम का संचालन शैलेंद्र बिहारिया ने किया।