बैतूल। बैतूल में भी जल्द ही बायोडीजल बनाने की योजना पर काम चल रहा है। यह बायोडीजल खाद्य तेल के जरिए बनाया जाएगा। इसके लिए इस बात की जानकारी जुटाई जा रही है कि बायोडीजल बनाने के लिए उपयोग किया हुआ कितना खाद्य तेल प्राप्त हो सकता है। इस सिलसिले में पिछले सोमवार को व्यापारियों की एक बैठक भी हो चुकी है वहीं ऑइल मिल संचालकों को भी पत्र लिख कर जानकारी मांगी गई है।
जानकारों का कहना है कि खाद्य तेल का केवल 3 बार उपयोग किया जा सकता है। इसके बाद उपयोग करने पर यह मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालता है। दूसरी ओर कई होटलों सहित अन्य स्थानों पर इसका इससे काफी अधिक बार इस्तेमाल किया जाता है। खाद्य तेल के बार-बार उपयोग से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को रोकने और बायोडीजल निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने RUCO (Repurpose Used Cooking) योजना लागू की है। इसमें इस तरह का 3 बार उपयोग किया हुआ खाद्य तेल लेकर उससे बायोडीजल निर्माण करना है। इसके लिए बैतूल में भी यूनिट शुरू की जानी है। इससे लोगों की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ने से भी बच सकेगा और बायोडीजल भी मिल सकेगा।
यह विभाग कर रहे योजना पर काम
इस योजना पर खाद्य एवं आपूर्ति, खाद्य एवं औषधि प्रशासन और जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र द्वारा काम किया जा रहा है। सोमवार को इसी सिलसिले में जिले के उन व्यापारियों की बैठक भी आयोजित की गई जिनके द्वारा खाद्य तेल का निर्माण और उपयोग किया जाता है। इसमें जानकारी प्राप्त करने का प्रारंभिक प्रयास किया गया कि बायोडीजल बनाने कितना कच्चा माल प्राप्त हो सकता है। यह कच्चा माल ऑइल संचालकों और होटल संचालकों से प्राप्त होगा।
मिल संचालकों को भी लिखा गया पत्र
जिले में 4 ऑइल मिल हैं। इनमें 3 बैतूल शहर में हैं वहीं एक मुलताई में है। इन सभी मिल संचालकों को जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रोहित डाबर द्वारा पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है। पत्र में जानकारी मांगी गई है कि आपकी यूनिट में प्रतिवर्ष कितना कच्चा माल क्रय किया जाता है, उससे कितना तेल तैयार किया जाता है और इसके बाद कितना वेस्ट मटेरियल शेष रहता है।