बैतूल की कर्त्तव्यनिष्ठ महिला चिकित्सक एवं जिला अस्पताल की जिला रक्तकोष अधिकारी डॉ. अंकिता सीते अब भोपाल के शासकीय गांधी मेडिकल कालेज से एमडी पैथालाजी करेंगी। इसके लिए उनका चयन हो चुका है। इसके चलते बैतूल को अब अगले कम से कम 3 साल तक उनकी सेवाएं नहीं मिल सकेंगी।
बैतूल के जिला अस्पताल में जन्म लेने वाली डॉ. अंकिता सीते लंबे समय से रक्तदान के क्षेत्र में अलख जगा रही हैं। अब वे जल्द ही बैतूल की पहली एमडी पैथालाजी होंगी। बैतूल ही जन्मभूमि होने से डॉ. सीते का बैतूल और जिला अस्पताल से विशेष लगाव बना हुआ है। उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की वजह से ही आज जिला अस्पताल का ब्लड बैंक का डंका पूरे प्रदेश में बज रहा है।
जिला अस्पताल की रक्तकोष अधिकारी डॉ. अंकिता सीते के पिता विजय सीते भी बैतूल में ही एलआईसी में डेवलपमेंट आफिसर के पद सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी माताजी श्रीमती आभा सीते गृहणी है। उनके भाई अंकित सीते दिल्ली कार्मिशियल पायलट हैं। डॉ. अंकिता सीते का भी बैतूल से विशेष लगाव बना हुआ है। वह एमडी पैथालाजी करने के बाद भी बैतूल में ही सेवाएं देना चाहती हैं।
जब से डॉ. अंकिता सीते जिला रक्तकोष अधिकारी बनी है। तब से लेकर आज तक बैतूल जिला अस्पताल का ब्लड बैंक प्रदेश में कई मर्तबा जहां नंबर वन आ चुका है। वहीं डॉ. सीते भी कई मर्तबा इस कार्य के लिए सम्मानित हो चुकी है।
लॉकडाऊन के दौरान उन्होंने रिकार्ड रक्तदान करवाया था। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया और रक्तदाताओं, समितियों का भी भरपूर सहयोग लिया था। डॉ. सीते की कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर फेसबुक ने उन पर एक शार्ट फिल्म भी बनाई थी।
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