यकीनन इस समय देश और दुनिया में जिस तेजी से बीमा क्षेत्र (insurance sector) बढ़ता जा रहा है, उतनी ही तेजी से इस सेक्टर में कॅरियर (career) के मौके बढ़ने का परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है।
इंश्योरेंस का बाजार (insurance market) देश में कोरोना वायरस महामारी की वजह से वर्ष 2020 के बाद इंश्योरेंस का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। देश की सभी जीवन बीमा कंपनियों के द्वारा एक जनवरी, 2021 से जो मानक ‘सरल जीवन बीमा पॉलिसी’ (simple life insurance policy) प्रारंभ की है। देश में बढ़ते हुए मध्यम वर्ग, परिवार सुरक्षा की योजना, उद्योग-कारोबार में बढ़ती जोखिमों तथा आयुष्मान भारत के तहत नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (National Health Protection Scheme) के लागू होने तथा इंश्योरेंस के गांवों की ओर तेजी से बढ़ने जैसे कारणों से देश में इंश्योरेंस बिजनेस (insurance business) बढ़ता जा रहा है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट से बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी की है। फिर मई 2022 में जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ (IPO) को उम्मीद से बहुत अधिक मिला समर्थन भारत में जीवन बीमा के तेज विस्तार का प्रतीक है।
प्रायवेट सेक्टर की बीमा कंपनियों ने बढ़ाए कॅरियर के अवसर
बीते करीब दो वर्ष इंश्योरेंस सेक्टर के लिए चुनौती भरे नई संभावनाओं के वर्ष साबित हुए हैं। एक तरफ लाखों लोगों ने बीमा की नई जरूरत को महसूस किया तो दूसरी ओर, बीमा कंपनियों को भी काम के तौर तरीकों को बदलना पड़ा। बीमा क्षेत्र ने तेजी से अपने सिस्टम का डिजिटलीकरण किया है। न केवल सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियों में वरन् प्रायवेट सेक्टर की कंपनियों ने बीमा क्षेत्र को चमकदार बना दिया है। निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों में भी बड़ी संख्या में कॅरियर के मौके बढ़े हैं।
शहरों में ही नहीं गांवों में भी कॅरियर के मौके
एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार भारत में इंश्योरेंस इंडस्ट्री का आकार वर्ष 2020 में बढ़कर करीब 280 अरब डॉलर मूल्य के करीब रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2025 तक इंश्योरेंस सेक्टर में 12 से 15 फीसदी इजाफा संभावित है। भारतीय जीवन बीमा निगम ने पिछले साल 2021-22 में 21,718,695 पॉलिसियां बेचीं। इससे पूर्ववर्ती वित्त वर्ष में 20,975,439 पॉलिसियां बेची गई थीं।
पिछले साल एलआईसी ने प्रति मिनट 41 पॉलिसी बेची थीं। भारतीय जीवन बीमा निगम विश्व की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनियों में से एक है। एलआईसी में एजेंट (LIC Agent) बनने से लेकर सहायक प्रशासनिक अधिकारी जैसे विभिन्न पदों पर रहते हुए मानवता की सेवा के साथ-साथ अच्छी कमाई का प्रतिष्ठापूर्ण कॅरियर बनाया जा सकता है। अत एव देश में बीमा क्षेत्र के तहत शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कॅरियर के मौकों के विस्तार की भारी संभावनाएं हैं।
इंश्योरेंस सेक्टर में कॅरियर की स्किल्स
कॅरियर के लिहाज से अपार संभावनाओं वाले इंश्योरेंस सेक्टर में जनसंपर्क क्षमताएं सबसे पहली जरूरत होती है। चूंकि इंश्योरेंस सेक्टर में मुख्य तौर पर ग्राहकों से आमने सामने की बातचीत होती है। इसलिए डिग्री की योग्यता के अलावा इंश्योरेंस संबंधी गहन जानकारियां लोगों को प्रभावित करने की क्षमता, वाकपटुता, धैर्य, निर्णय लेने की क्षमता, हिन्दी के साथ अच्छी अंग्रेजी जैसी स्किल्स अहम भूमिका निभाती हैं। इसके अलावा लोगों की प्रॉब्लम्स को समझकर उनके निराकरण के मद्देनजर उपयुक्त इंश्योरेंस पॉलिसी संबंधी मार्गदर्शन से इंश्योरेंस सेक्टर में कॅरियर की असीम ऊंचाइयां प्राप्त की जा सकती हैं।
इंश्योरेंस सेक्टर में कॅरियर संबंधी विशेष डिग्रियां
इंश्योरेंस सेक्टर में कॅरियर बनाने हेतु पहले प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों का अभाव था, लेकिन आज अनेक संस्थान इसका बाकायदा प्रशिक्षण देने लगे हैं। इंश्योरेंस के क्षेत्र में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएशन के विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।
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इनमें पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंश्योरेंस, पीजी डिप्लोमा इन इंश्योरेंस मैनेजमेंट एंड मार्केटिंग, एमबीए इन इंश्योरेंस जैसे पाठ्यक्रमों की अहमियत बढ़ गई है। जो भी युवा इस फील्ड में आना चाहते हैं, उनके लिए यह जरूरी है कि वे ग्रेजुएशन के अलावा इंश्योरेंस के जिस भी एरिया में काम चाहते हैं, उससे संबंधित स्किल हासिल करने के मद्देनजर उपयुक्त सर्टिफिकेशन पर भी ध्यान दें। इससे आपके अच्छी नौकरी की संभावनाएं बढ़ेंगी और मार्केट के लिए उपयोगी बने रहेंगे।
इंश्योरेंस सेक्टर में रोज़गार स्वरोज़गार के प्रचुर मौके
निःसंदेह इंश्योरेंस सेक्टर में नौकरियों के साथ-साथ स्वरोज़गार के मद्देनजर कॅरियर के कई तरह के बेहतर अवसर मौजूद हैं। इंश्योरेंस सेक्टर के तहत कई तरह के विभिन्न कार्यों में कॅरियर के मौके होते हैं। डेवलपमेंट ऑफिसर (development officer) का काम कंपनी के लिए नई योजनाएं तैयार करना है। पुरानी पॉलिसी को भी आकर्षक बनाने का काम ये करते हैं। कोई भी व्यक्ति बड़ी सरलता से इंश्योरेंस एजेंट बनकर ग्राहकों को सेवाएं एवं सहायता प्रदान करते हुए अच्छी कमाई कर सकता है।
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बीमा ब्रांडों के प्रचार के लिए योजनाओं पर भी काम करते हैं। एक इंश्योरेंस एजेंट को बाजार की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। एक्चुअरी प्रोफेशनल बीमारी, निधन, दुर्घटना, विकलांगता आदि की स्थिति में जोखिम का आकलन करते हैं। बीमित व्यक्ति को कितनी धनराशि देनी है, यह भी तय करते हैं। अंडरराइटर के द्वारा बीमा कंपनी को जोखिम का मूल्यांकन और बीमा दरें तय करने में मदद की जाती है। इस पर कंपनी फायदा नुकसान का गणित लगाती है। हर बीमा कंपनी में इनकी नियुक्ति की जाती है।
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सभी बीमा कंपनियां अपने जोखिम को कम करने के लिए रिस्क मैनेजरों को नियुक्त करती हैं। क्रेडिट कार्ड एजेंट प्रोडक्ट एवं सेवाओं को ग्राहकों तक पहुंचाने और उन्हें कंपनी की योजनाओं से अवगत कराते हैं। क्रेडिट रिसर्च एनालिस्ट के द्वारा बीमा कंपनी के रिकॉर्ड का अध्ययन किया जाता है और क्लाइंट को बाजार के ट्रेंड से अवगत कराया जाता है। सर्वेयर के द्वारा आगजनी, विस्फोट, भूकम्प, बाढ़ और दंगों आदि की स्थिति में सर्वे का कार्य किया जाता है। इनका पहला काम लोकेशन पर जाकर क्षति का आकलन करना होता है ।
इंश्योरेंस संबंधी कोर्स के लिए अच्छे संस्थान का चयन
इंश्योरेंस सेक्टर से संबंधित पाठ्यक्रम कराने वाले कई संस्थान देश के प्रमुख महानगरों में स्थित हैं। इश्योरेंस सेक्टर में कॅरियर बनाने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति अपनी उपयुक्तता के अनुरूप उपयुक्त इंश्योरेंस कोर्स के लिए किसी गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थान का चयन करके इंश्योरेंस सेक्टर में अच्छे कॅरियर की राह पर आगे बढ़ सकते हैं।
• डॉ. जयंतीलाल भंडारी
(लेखक कॅरियर मार्गदर्शन के लिये लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में प्रतिष्ठित हैं। उनका यह आलेख रोजगार निर्माण समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ है। वहीं से युवाओं के हित में साभार प्रकाशित किया जा रहा है।)