yellowing crops : खेतों में भराया पानी, पीली पड़ रही फसलें, नहीं हो रही ग्रोथ, फसलों को बचाने यह कदम उठाना जरुरी

◼️ उत्तम मालवीय, बैतूल
water filled in the fields : इस साल जून के महीने में किसान जल्द से जल्द बारिश की दुआ करते नजर आ रहे थे। महज एक महीने में स्थिति बिल्कुल इसके उलट हो गई है। अब किसान प्रार्थना कर रहे हैं कि बारिश रूक जाएं, ताकि उनकी फसल बच सके। करीब एक पखवाड़े से लगातार हो रही भारी बारिश ने किसानों के साथ ही फसलों की भी हालत खराब कर रखी है। बारिश यूं ही जारी रही तो फसलें पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगी।

बैतूल जिले में 23 जुलाई की सुबह 8 बजे तक 750.1 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। बीते साल आज तक की स्थिति में 494.5 मिलीमीटर बारिश ही हुई थी। इस साल जून के माह में जरुर मानसून ने थोड़ा थरसाया। लेकिन, उसके बाद बारिश जो शुरू हुई तो थमने का नाम ही नहीं ले रही है। लगातार हो रही इस बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसके साथ ही अब किसानों के लिए भी यह बेहद तकलीफदेह हो रही है।

जिले में हो रही भारी बारिश अब फसलों के लिए ‘अति’ की श्रेणी में आ गई है। यह बारिश फसलों के लिए फायदेमंद न होकर नुकसान पहुंचाना शुरू कर चुकी है। यही वजह है कि अब किसान अपनी फसलों को लेकर बेहद चिंतित नजर आने लगे हैं। बैतूल से सटे आठनेर रोड भोगीतेढ़ा से बैतूलबाजार मार्ग पर पानी की निकासी न होने से खेतों में पानी भर रहा है। सड़क के दोनों ओर किसानों के खेतों में पानी भर गया है। यहां पाइप डालने की मांग ठेकेदार से किसानों के द्वारा की गई थी पर सुनवाई नहीं हुई।

यह स्थिति केवल बैतूल शहर के आसपास के क्षेत्र में ही नहीं है। बल्कि जिले के अधिकांश इलाकों में फसलों का इन दिनों यही हाल हो रहा है। जमीन दलदली हो गई है। इससे पौधे बढ़ नहीं पा रहे। यदि एक सप्ताह से अधिक समय तक पानी खेतों में जमा रहता है तो फसल के तने गलता आरंभ हो जाते हैं। यही स्थिति अब खेतों में बनने लगी है। स्थिति यह है कि किसान फसलों में खरपतवार नष्ट करने दवा तक नहीं डाल पा रहे हैं। मजदूरों की मदद भी नहीं ले पा रहे हैं। यही कारण है कि किसान अब बारिश के कुछ समय थमने और सूर्यदेव के प्रकट होने की कामना ईश्वर से कर रहे हैं।

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फसलों को बचाने जल निकासी करें

इधर उन्नत किसान विनय वर्मा और कृषि विज्ञानियों ने किसानों को सलाह दी है कि वे बिना वक्त गवाएं अपने खेतों से पानी की निकासी करें। इससे सोयाबीन की फसल के तने गलने से बच सकेंगे। इसके अलावा बारिश के थमते ही धान और मक्का की फसल की फसल में खाद डालें। सबसे जरुरी यह है कि अपने खेतों में जल भराव न होने दें। ऐसा करके किसान अपनी फसलों को बचा सकते हैं।

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कृषि विभाग को नहीं कोई परवाह

लगातार हो रही बारिश से एक ओर जहां किसान अपनी फसल की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग को इन सबसे जैसे कोई लेना-देना ही नहीं है। विभाग की ओर से इतने दिनों में किसानों के लिए आज तक एक भी एडवायजरी जारी नहीं की गई है। दूसरी ओर फील्ड के कर्मचारी भी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में किसान जरुरी सलाह के लिए यहां-वहां भटकने को मजबूर हैं।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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