ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के चुनाव के लिए हुए आरक्षण के बाद कई ग्राम पंचायतों में दिग्गजों के अरमानों पर पानी फिर गया है। कहीं सरपंच पद एससी-एसटी वर्ग के लिए तो कहीं महिलाओं के लिए पद आरक्षित होने से पुरुष दावेदार चुनाव मैदान से ही बाहर हो गए हैं।
मुलताई तहसील कार्यालय परिसर में एसडीएम राजनंदिनी शर्मा, तहसीलदार सुधीर जैन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनीष शेंडे की उपस्थिति में मुलताई जनपद पंचायत क्षेत्र की 69 ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न हुई। आरक्षण की प्रक्रिया के बाद कुछ इस तरह की स्थिति जनपद क्षेत्र में बनी है।
एससी वर्ग के लिए आरक्षित पंचायतें
उभारिया, एनस, खैरवानी के अलावा इसी वर्ग की महिला के लिए निरगुड, चन्दोरा खुर्द, लिहदा, जामगांव पंचायत।
एसटी वर्ग के लिए आरक्षित पंचायतें
बरखेड, महतपुर, चिखलीकला, निमनवाड़ा, करपा,सिपावा के अलावा इसी वर्ग की महिलाओं के लिए दतोरा, पोहर, खेड़ीकोर्ट, चौथिया, वलनी, मोही पंचायत।
ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित पंचायतें
साईंखेड़ा, सेमझिरा, भिलाई, परमंडल, खड़कबार, जाम, बांडियाखापा के अलावा इसी वर्ग की महिलाओं के लिए पौनी, बानूर, डिवटिया, टेमझिरा-ब, डहुआ, सावरी, भैंसादंड, जूनापानी पंचायत।
अनारक्षित वर्ग के लिए आरक्षित पंचायतें
साबड़ी, टेमझिरा-अ, गौला, मोहरखेड़ा, बोथिया, पिसाटा, सांडिया, हेटी, सर्रा, खतेड़ाकला, बरई, परसठानी, रिधोरा, कपासिया,सेमरिया पांडरी, सरई, घाटपिपरिया के अलावा इसी वर्ग की महिलाओं के लिए कान्हाखापा, एनखेड़ा, सोनोरा, जमबाड़ी, जौलखेड़ा, कामथ, देवरी, माथनी, पारडसिंगा, बघौलीबुजुर्ग, मालेगाव, हथनापुर, पिपरिया, लेंदागोंदि, सोनेगांव, मयावाड़ी, दुनावा पंचायत।