न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश, भैंसदेही, जिला बैतूल ने पत्नी को जलाकर उसकी हत्या करने वाले हत्यारे पति आरोपी मनीष पिता बिरेसिंग उइके (25) निवासी ग्राम सांवलमेंढा को धारा 302 में दोषी पाते हुये आजीवन कारावास एवं 5000 रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य की ओर से पैरवी सहायक अभियोजन अधिकारी भैंसदेही मनवीर सिंह ठैनुआ द्वारा की गई।
घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी गंगाबाई जली हुयी अवस्था में जिला चिकित्सालय बैतूल में भर्ती हुई थी। आहत गंगाबाई उइके ने अस्पताल चौकी बैतूल में इस आशय की रिपोर्ट लिखाई कि उसकी शादी (कोर्ट मैरिज) दो वर्ष पूर्व मनीष उईके से हुई थी। उसके बच्चे नहीं है। उसके पति मनीष के माथनी की लड़की से सम्बन्ध है।
इस बारे में उसने अपने पति से बोला था। वह सुबह 9-10 बजे अपने घर पर खाना बना रही थी। तभी उसका पति उससे बोला कि “तू मेरे पर शक करती है” और उसके साथ मारपीट कर बोला “आज तुझे खतम कर देता हूं। इसके बाद मिट्टी का तेल उसके ऊपर डालकर आग लगा दिया, जिससे वह जलने लगी और चिल्लाई तो पानी डालकर भाग गया।
उसके पास तब तक श्याम, उसकी पत्नी, ननद संजना, देवर राजा एवं मोहल्ले के लोग आ गये थे और एम्बुलेन्स बुलाकर उसे झल्लार अस्पताल ले गये। अभियुक्त मनीष ने उसे जान से खतम करने के लिये उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाई है।
फरियादी गंगाबाई की इस रिपोर्ट पर आरोपी के विरुद्ध अपराध कायम कर विवेचना की गई। इस बीच 13 अक्टूबर 2015 को नायब तहसीलदार मीना दसरिये द्वारा आहत गंगाबाई उइके के मृत्यु पूर्व कथन लेख किये गये। उपचार के दौरान दिनांक 6 दिसंबर 2015 को गंगाबाई उइके की मृत्यु होने से प्रकरण में धारा 302 का इजाफा किया गया।
विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित कर अपने तर्क प्रस्तुत किये। जिनसे सहमत होकर न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास एवं 5 हजार रुपये जुर्माने से दण्डित किया है।