युवा आदिवासी विकास संगठन बैतूल ने गैर आदिवासियों से विवाह करने वाली आदिवासी महिलाओं का अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग की है। मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपे आवेदन में संगठन के जिला महामंत्री जितेन्द्र सिंह इवने ने बताया कि आदिवासी महिलाओं को जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय नौकरी, आरक्षण, शासकीय योजनाओं का लाभ, जमीन जायदाद, प्लाट और अन्य प्रकार के लाभ मिलते हैं।
गैर आदिवासी व्यक्तियों द्वारा आदिवासी युवतियों शादी करने के बाद आदिवासी पत्नी के नाम पर लाभ यह सारे लाभ लिए जाते हैं। विगत माह पूर्व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासी के नाम पर आरक्षित सीट पर अपनी आदिवासी पत्नियों को पंचायत चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया था। प्रदेश में ऐसे कई मामले हैं जो आदिवासियों को मिलने वाली योजनाओं का फायदा गैर आदिवासियों द्वारा अपनी आदिवासी पत्नी के अनुसूचित जन जाति के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लाभ लिया जाता है।
युवा आदिवासी विकास संगठन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जो आदिवासी महिलाएं गैर आदिवासी व्यक्तियों के साथ शादी करती है, उन महिलाओं का अनुसूचित जन जाति का जाति प्रमाण पत्र रद्द किया जाये। ताकि आदिवासियों को मिलने वाले हक अधिकार, आरक्षण, योजनाओं का लाभ गैर आदिवासी व्यक्ति न ले सके।