बैतूल जिले में 17 वर्षीय नाबालिग बालिका को बहला फुसला कर ले जाकर बलात्कार करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2500 रूपये जुर्माने से दंडित किया गया है। अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल ने आरोपी सूरज पिता रंजीत सिंह (21) निवासी बगलिया वार्ड क्रमांक 7 इटारसी जिला होशंगाबाद को यह सजा सुनाई। आरोपी को धारा 363 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये जुर्माना, 366 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये का जुर्माना, 376 ( 2 ) एन भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के जुर्माने से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक एसपी वर्मा एवं विशेष लोक अभियोजक ओमप्रकाश सूर्यवंशी के द्वारा पैरवी की गई।
घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि पीड़िता के भाई फरियादी ने थाने शाहपुर में 16 सितंबर 2017 को इस आशय की गुमशुदगी दर्ज कराई कि 14 सितंबर 2017 को पीड़िता घर पर थी। रात करीब 10:30 बजे पीड़िता परिवार के साथ खाना खाकर सो गई थी। अगले दिन पीड़िता की बहन ने सुबह करीब 6 बजे उठकर देखा कि पीड़िता घर पर नहीं थी। सभी ने मिलकर आसपास व रिश्तेदारी में पता किया जिसकी कोई जानकारी नहीं हई। उसे आशंका है कि कोई पीड़िता को बहला फुसला कर भगा कर ले गया है। फरियादी की सूचना पर थाना शाहपुर में गुम इंसान दर्ज कर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 363 भादवि पंजीबद्ध कर कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान पीड़िता को 01 जनवरी 2018 को रेल्वे स्टेशन इटारसी से दस्तयाब किया जाकर उसकी मां के सुपुर्द किया गया। पीड़िता के धारा 164 के कथन न्यायालय में करवाए गए तथा पुलिस द्वारा पीड़िता के धारा 161 के कथन लिये गये, जिसमें उसने बताया कि वह आरोपी सूरज सिंह के कहने पर उसके साथ शुजालपुर चली गई थी। वहां मंदिर में उसने आरोपी सूरज सिंह के साथ विवाह कर लिया, फिर वहां से तमिलनाडु चले गये। वहां 3 माह तक एक कंपनी में काम किया। वह और आरोपी सूरज पति-पत्नी के तरह रहते थे। इस दौरान आरोपी सूरजसिंह ने उसके साथ अनेक बार शारीरिक संबंध बनाये। उसके पश्चात वे दोनों कटनी में रहने लगे। 01 जनवरी 2018 को वे इटारसी सूरज सिंह के घर आने के लिए आ रहे थे।
पीड़िता के कथनों के आधार पर आरोपी सूरज सिंह को अभिरक्षा में लिया गया। प्रकरण में आवश्यक अनुसंधान उपरांत आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 एवं धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। आरोपी द्वारा नाबालिग पीड़िता के साथ विवाह कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाये जाने से विधि अनुसार बलात्कार का अपराध घटित होना पाया गया। प्रकरण में पीड़िता को 18 वर्ष से कम आयु की होना अभियोजन द्वारा संदेह से परे साबित किया गया। साथ ही डीएनए परीक्षण की रिपोर्ट सकारात्मक पाये जाने से आरोपी द्वारा पीड़िता के साथ संभोग किया जाना अभियोजन द्वारा प्रमाणित किया गया।