▪️ उत्तम मालवीय, बैतूल
जिला मुख्यालय बैतूल से सटे ग्राम साईंखंडारा में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पर प्राथमिक स्कूल का नया भवन बना लिया और पुराने भवन को ऐसे ही लावारिस छोड़ दिया है। मासूम बच्चे इसी के पास खेलते हैं। कई बार खंडहर हो चुके भवन के भीतर भी चले जाते हैं। यहां कोई भी ना सुरक्षा इंतजाम किए हैं और ना ही जर्जर भवन को आज तक डिस्मेंटल किया है। ऐसे में यहां कभी भी बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
इस संबंध में ग्राम साईखण्डारा के ग्रामीण सौरभ सलामे, अतुल कवड़े, विशाल काकोड़िया, राकेश आदि ग्रामीणों ने सरपंच को एक आवेदन सौंपकर जर्जर भवन को धराशाई करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि यह प्राथमिक शाला भवन वर्ष 1967 का बना हुआ है। जीर्ण शीर्ण होने के चलते कभी भी गिर सकता है। लेकिन, इस ओर ना ग्राम पंचायत और ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं। ग्राम के लोगों की मांग है कि स्कूल को गिरा दिया जाए। उन्होंने प्रशासन के समक्ष भी सवाल खड़े किए हैं कि भवन कभी गिर जाएगा तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
पशुओं को भी बांधा जा रहा
सौरभ और अतुल का कहना है कि इस संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है। इसके बाद भी विभाग द्वारा जर्जर भवन को गिरवाने आदि के संबंध में अब तक कुछ नहीं किया गया। पास में ही विद्यालय का नया भवन निर्मित होने के चलते स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे जर्जर भवन के आसपास ही खेलते हैं। खाली जगह होने के कारण आसपास के बच्चे भी यहीं जमा रहते हैं। इसके अलावा पर्याप्त स्थान न होने के चलते गांव के लोग अपने पशुओं को भी यहीं बांधते हैं। यदि जल्दी ही इस भवन को गिराया नहीं गया तो किसी दिन यह भवन बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। ग्रामीणों ने जर्जर भवन को गिराए जाने की मांग अधिकारियों से की है।