पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर मुलताई ब्लॉक के शिक्षकों ने नई पेंशन योजना की होली जलाकर दर्शन किया। गुरुवार शाम 4 बजे बस स्टैंड पर स्थित प्राइमरी स्कूल के सामने शिक्षकों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर नारेबाजी की और नई पेंशन योजना की होली जलाकर आक्रोश जताया।
शिक्षक आरके मालवीय, नितिन पाटेकर, संदीप तारे ने बताया कि प्रदेश के बजट में कर्मचारियों के लिए पेंशन बहाली की घोषणा नहीं होने से कर्मचारियों में निराशा है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि राजस्थान सरकार एवं अन्य सरकारों द्वारा पेंशन लागू करने की घोषणा कर देने के बाद प्रदेश में भी पुरानी पेंशन लागू कर दी जाएगी। किंतु प्रदेश के बजट में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने पुरानी पेंशन पर कोई विचार नहीं करना बताया। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के लिए जारी बजट में पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा कर दी है। प्रदेश में 1 जनवरी 2005 से कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बंद करके नई पेंशन योजना लागू कर दी है।
नई पेंशन योजना के तहत रिटायर होने पर कर्मचारी को 600 रुपए से लेकर 1200 रुपए प्रति माह तक पेंशन मिलती है। जो उनके जीवन यापन के लिए बहुत ही कम है। जिससे वृद्धावस्था में सेवानिवृत्ति के पश्चात कर्मचारी को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है। शिक्षकों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की।
प्रभातपट्न तहसील मुख्यालय पर भी ब्लॉक के शिक्षकों ने बीएलपी खेल मैदान पर नई पेंशन योजना की होली जलाई। पुरानी पेंशन बहाली अभियान के जिला संयोजक के नेतृत्व में आज प्रभातपट्टन बीआरसी नीरज गलफट को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में शिक्षक रमेश बारस्कर, मुकेश सुर्यवंशी, प्रभाकर खातरकर, राजेंद्र देशमुख, विनोद देशमुख, मनीष हुरमाड़े, विजय परते, लालचंद झरबड़े शामिल रहे।