• अंकित सूर्यवंशी, आमला
पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं होते हैं। इसलिए कोई भी प्रत्याशी किसी भी दल के प्रतीक चिन्ह या नेता के फोटो या नाम का सहारा अपने प्रचार-प्रसार में नहीं ले सकता। चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी इस संबंध में स्पष्ट गाइड लाइन और निर्देश जारी किए हैं। इसके विपरित ग्रामीण क्षेत्रों में इस गाइड लाइन का बेखौफ होकर विभिन्न प्रत्याशियों द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है। इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा किसी के भी विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
आमला ब्लॉक में पंचायत चुनाव के लिए प्रचार तेज हो गया है। ऐसे में नियमों का उल्लंघन करने में प्रत्याशी कोई कसर भी नहीं छोड़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार प्रसार हेतु लगाए जा रहे बैनर पोस्टर में खुलेआम प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की फोटो दिखाई पड़ रही है। अधिकारियों द्वारा उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई ना किए जा कर सिर्फ बैनर-पोस्टर हटाकर इतिश्री की जा रही है।
गौरतलब है कि कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी प्रत्याशी को कोई भी राजनीतिक दल अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकता है। इसलिए प्रत्याशी भी प्रचार में किसी दल के प्रतीक या नेता के नाम या फोटो का उपयोग नहीं कर सकते।
बावजूद इसके प्रत्याशियों द्वारा मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री के फोटो लगाए जा रहे हैं। वे अपने आप को भाजपा समर्थित प्रत्याशी बताने की कोशिश कर रहे हैं। यह सीधे आचार संहिता का उल्लंघन है। ऐसे ही एक मामले में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने चोपना क्षेत्र की एक प्रत्याशी के विरुद्ध चोपना थाना में एफआईआर भी कराई है।
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इस विषय में तहसीलदार सुधीर जैन से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि हमें जहां की जानकारी मिल रही है वहां से सचिव को बोलकर बैनर पोस्टर हटाने की कार्रवाई कर रहे हैं।