अभी गर्मी का भले ही आगाज तक नहीं हुआ है, लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग की अनदेखी से जिले में जगह-जगह से जल संकट (water crisis) के मामले जरूर सामने आने लगे हैं। यह देख कर लोग कहने लगे हैं कि जब अभी यह स्थिति है तो ना जाने भीषण गर्मी में क्या होगा। बैतूल के भीमपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत खैरा के आठवांढाना के ग्रामीण भी लंबे समय से जल संकट से जूझने को मजबूर हैं। यहाँ व्यवस्था होने के बावजूद ग्रामीणों को पानी मुहैया नहीं हो रहा है।
आठवांढाना की आबादी करीब 600 लोगों की है। यहां कहने को तो 3 हैंडपंप हैं, लेकिन 2 पिछले लंबे समय से बंद पड़े हैं। ऐसे में एकमात्र हैंडपंप यहां चालू है। इस पर दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती है। अपनी बारी आने के लिए लोगों को घण्टों तक इंतजार करना पड़ता है।
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इन हालातों में गांव में स्थित एक निजी ट्यूबवेल से भी ग्रामीण कभी-कभी पानी लेने को मजबूर हो जाते हैं। हालांकि इसमें बिजली की समस्या रहती है। यहां बिजली की अक्सर समस्या रहती है। ऐसे में ग्रामीण इकलौते चालू हैंडपंप के सहारे ही रहते हैं। ग्रामीण पंकज तुमडाम, फूलेसिंग तुमडाम, मोहन, मंगल सिंग का कहना है कि गर्मी शुरू होते ही यह हैंडपंप भी जवाब दे देगा। इसके बाद वे पानी की व्यवस्था कहाँ से करेंगे, यह समझ से परे हैं।
ग्रामवासी मांगीलाल तुमड़ाम, मंगलू धुर्वे, सायबू इवने, रामचन्द्र धुर्वे, छतर सिंग तुमडाम कहते हैं कि नल जल योजना के तहत गांव में एक बोर खनन भी हुआ है। इसमें अभी तक मोटर नहीं डाली गई है। इसमें मोटर डाल दी जाती है तो समस्या ही खत्म हो जाएगी।
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ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द बोर में मोटर डालकर पाइप लाइन से सप्लाई चालू की जाएं। इसके अलावा जब तक मोटर नहीं डाली जाती तब तक बंद पड़े हैंडपम्पों को तत्काल शुरू किया जाएं। ग्रामीण कहते हैं कि हैंडपंप गर्मी में वैसे भी पर्याप्त पानी नहीं देंगे। इसलिए समस्या के स्थायी निदान के लिए बोर में मोटर डाल कर उसे चालू किया जाएं।
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