इसमें रत्ती भर भी शक-सुबहा नहीं कि बैतूल शहर दिलवालों का है। जब भी किसी आपदा-विपदा से घिरे व्यक्ति को मदद की दरकार होती है तो यह दिलवाले मदद को दौड़े चले आते हैं। इनके लिए केवल मानवता सर्वोपरि होती है। मदद के लिए वे ना जान पहचान देखते हैं और ना ही जाति या धर्म। इसी तरह मानवता की मिसाल इन दिलवालों ने एक बार फिर पेश की है।
एक पांच साल की मासूम बेटी को घर के सामने खेलते समय एक चार पहिया वाहन चालक ने टक्कर मार दी। उसके गम्भीर रूप से घायल होने और गांव वालों के पहुँचने से वाहन चालक ने इलाज कराने की हामी तो भरी और वह उस घायल मासूम को लेकर बैतूल तक भी आया। लेकिन, अस्पताल तक छोड़ने के बाद वह उनके हाल पर छोड़ कर नौ दो ग्यारह हो गया।
गरीब परिवार के पास इतना पैसा नहीं था कि वो बेटी की सर्जरी से लेकर इलाज का खर्च उठा सके। ऐसे में एक बार फिर शहर के समाजसेवी आगे आए और उन्होंने सारा खर्च करते हुए पूरा इलाज करवाया। आज जब उस मासूम को अस्पताल से छुट्टी मिली तो इन समाजसेवियों को ढेर सारी दुआएं देते हुए परिवार कृतज्ञता के साथ वापस अपने घर लौटा।
मामला यह है कि भैंसदेही तहसील के कोथलकुण्ड के पास झिरी गांव में तीन दिन पहले अपने ही आंगन में खेल रही दिव्या को महाराष्ट्र के एक स्कार्पियो चालक ने टक्कर मार दी थी। इसके बाद घायल दिव्या को स्कार्पियो चालक ने ही बैतूल के संजीवनी अस्पताल पहुंचाया।
दिव्या की मां जब उसे अस्पताल के अंदर ले जा रही थी, उसी बीच स्कार्पियो चालक मौका देखकर भाग गया। जबकि उसने इस बात के लिए आश्वस्त किया था कि वह पूरा इलाज बालिका का कराएगा। वह भागने लगा तो बालिका की मां कुछ दूर तक उसके पीछे भी भागी थी।
इस घटनाक्रम को समाजसेवी विशेष व्यास और उनके दोस्तों ने देखा और स्कार्पियों चालक का पीछा करने का प्रयास भी किया। लेकिन वह भागने में सफल हो गया। इसके बाद जब महिला से पूछताछ की तो पूरा घटनाक्रम सामने आया। दिव्या के पिता महाराष्ट्र में मजदूरी करते हैं। परिवार आर्थिक तंगी के दौर से से पहले से ही गुजर रहा है।
ऐसे में बेटी के साथ हुए हादसे से गरीब परिवार सदमे में था। इलाज और सर्जरी में 30 हजार के लगभग का खर्च आ रहा था, जिसकी व्यवस्था करना उनके लिए सम्भव नहीं था। ऐसे में विशेष और उनके मित्रों ने प्रयास शुरू किए।
समाजसेवी विशेष व्यास एवं प्रदीप तिलंते ने सोशल मीडिया पर पोस्ट अपलोड कर मदद की अपील की। वहीं जिले के प्रमुख सांध्य दैनिक समाचार पत्र ‘साँझवीर टाइम्स’ ने भी सेवाभावी लोगों से सहयोग की अपील की।
इन सभी के प्रयासों का नतीजा रहा कि पूर्व विधायक शिवप्रसाद राठौर एवं समाजसेवी शैलेंद्र कुंभारे सहयोग को आगे आए। यही नहीं अस्पताल प्रबंधन ने भी हरसंभव सहयोग किया। सबके सहयोग से दिव्या का इलाज हो पाया।
इलाज होने के बाद समाजसेवी शैलेंद्र कुंभारे एवं अन्य साथियों द्वारा आज बच्ची को स्कूली पाठ्यक्रम की सामग्री भेंट की गई और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की गई। इस मौके पर लोकेश साहू और सूरज यादव भी मौजूद थे। इधर सहयोग के लिए युवा समाजसेवी विशेष व्यास ने सभी सहयोगियों का आभार माना है।