कटनी और पन्ना के 60 से ज्यादा मजदूर जन साहस संस्था के प्रयास से सोमवार को सकुशल अपने घर पहुंच गए। मजदूर जिला प्रशासन के सहयोग से बैतूल से सीधे पन्ना और कटनी के कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। यहां मजदूरों के बयान लेकर उन्हें सकुशल उनके घर भिजवा दिया गया है।
जन साहस संस्था की जिला समन्वयक पल्लवी टाकरकर ने बताया कि जन साहस के हेल्पलाइन नंबर पर फोन आने के बाद जन साहस की टीम सीधे मजदूरों के पास पहुंची थी। उनके पहुचने के 1 घंटे बाद एफआईआर दर्ज हुई और मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से आगे की कार्यवाही की गई। मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने वाले ग्रामीण मजदूर अक्सर बंधुआ मजदूरी का शिकार हो जाते हैं। इस परेशानी से मजदूरों को बचाने जिला जन साहस संस्था विगत कई वर्षों से जिले में कार्य कर रही है। जन साहस संस्था सैकड़ों मजदूरों को बंधुआ मजदूरी से भी मुक्त करवाने में सफल हुई है।
यह है दामजीपुरा का मामला
गन्ना कटाई के लिए जबलपुर के करेली ले जाने का झांसा देकर कटनी और पन्ना के 65 मजदूरों को कर्नाटक ले जाया जा रहा था। इनमें 18 महिला 27 पुरुष 20 बच्चे शामिल थे। इसी दौरान ट्रक में सवार महिला और एक बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी इसके बावजूद ड्राइवर ने ट्रक को नहीं रोका। मजदूरों को कटनी और पन्ना के स्थानीय एजेंट द्वारा यह कहकर लाया था कि गन्ना कटाई के लिए जबलपुर जिले के करेली चलना है, लेकिन जब सफर करते-करते बहुत देर हो गई तो मजदूरों को शक हुआ कि उन्हें कहीं और ले जाया जा रहा है। बाद में पता चला कि उन्हें कर्नाटक ले जा रहे थे। इसी बीच दामजीपुरा के पास अचानक ट्रक का डीजल खत्म हुआ, ट्रक डीजल भरवाने के लिए रोका गया, इसी दौरान इस घटना का खुलासा हुआ।
ग्रामीणों की सूझबूझ आई काम
ट्रक रुकने के बाद मजदूरों की चीख पुकार सुनकर दामजीपुरा के ग्रामीण ट्रक के पास एकत्रित हुए और उन्होंने मजदूरों की वास्तविक स्थिति जानी, और घटना का वीडियो बनाया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को फोन कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद मजदूरों को ट्रक से उतारा गया तब जाकर पता चला कि उन्हें कर्नाटक ले जाया जा रहा था। जनसाहस संस्था को हेल्पलाइन पर सूचना मिलने पर संस्था के कार्यकर्ता उनकी मदद को सीधे दामजीपुरा पहुंचे तथा सभी को सकुशल घर भेजने की कार्यवाही शुरू की गई।
वापसी में इनका रहा सहयोग
मजदूरों को सकुशल उनके घर वापस पहुंचाने में कलेक्टर अमनबीर सिंह बैस, एसपी सिमाला प्रसाद सहित श्रम अधिकारी डीडी भगत एवं जिला परिवहन अधिकारी रंजना भदौरिया और जन साहस संस्था की महत्वपूर्ण भूमिका रही। संस्था की पल्लवी टाकरकर ने बताया कि आरटीओ रंजना भदौरिया ने भी इस मामले में अति संवेदनशीलता दिखाते हुए शीघ्र परमिट जारी किया। यही कारण है कि मजदूर जल्द से जल्द उनके गंतव्य तक पहुंच गए।