त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम और द्वितीय चरण के लिए नाम वापसी के बाद चुनाव चिन्ह भी आवंटित हो गए हैं। इसके साथ ही मुकाबले की तस्वीर भी पूरी साफ हो गई है। अमूमन होता यही है कि पढ़े-लिखे युवा इन चुनावों में जरा भी रुचि नहीं लेते और पंच पद के लिए तो कई बार उम्मीदवार ढूंढने से भी नहीं मिलते हैं, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। पंचायत चुनाव के समर में अब पढ़े-लिखे युवा भी उतर रहे हैं ताकि अपने क्षेत्र और गांव का पिछड़ापन दूर कर विकास की बयार बहा सके।
बैतूल से बिल्कुल सटी खेड़ला ग्राम पंचायत के वार्ड क्रमांक 19 चिखलार में भी ऐसा ही सुखद दृश्य देखने को मिल रहा है। यहां पंच पद के लिए एक ऐसा युवा चुनाव मैदान में है जिसके पंच पद का चुनाव लड़ने की शायद ही किसी ने उम्मीद की थी। इस वार्ड से 2 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें एक उम्मीदवार मन्तू झम्मक उइके और दूसरे उम्मीदवार हैं विक्रम सिंह उईके। विक्रम उर्फ विक्की के सगे भाई पुष्प राज और बहू रुपाली राज दोनों न्यायाधीश हैं और छिंदवाड़ा जिले के सौसर में पदस्थ हैं। विक्की की मां श्रीमती लक्ष्मी उइके भी अभी हाल ही में छात्रावास अधीक्षिका पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। वे लंबे समय तक जिला मुख्यालय के कन्या क्रीड़ा छात्रावास में पदस्थ रहीं।
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विक्की स्वयं भी स्नातकोत्तर तक पढ़े हैं और अभी एलएलबी की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके पहले उन्होंने बीबीए, एमएसडब्ल्यू और डीसीए के डिप्लोमा कर लिए हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई और पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानने के बाद लोगों को भी यह आश्चर्य होता है कि वे पंच पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
‘बैतूल अपडेट’ से चर्चा में विक्रम सिंह ने बताया कि कोई चुनाव छोटा या बड़ा नहीं होता है, चुनाव तो चुनाव ही होता है। मैं चुनाव मैदान में इसलिए आया हूं कि जिला मुख्यालय के पास होने के बाद भी चिखलार गांव का विकास नहीं हो पाया है। यहां के लोग बहुत सीधे-साधे हैं। उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने और गांव को विकास की ओर अग्रसर करने की ठानकर मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। चुनाव जीतकर मैं अपनी यह जिद और जुनून को जरूर पूरा करूंगा।
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