cattle smuggling : जंगल के रास्ते कत्लखाने ले जा रहे थे 54 मवेशी, राष्ट्रीय हिन्दू सेना ने बचाए, 7 आरोपियों को भी पकड़ा


बैतूल। जिले से गोवंश की तस्करी बंद नहीं हो पा रही है। तस्करों के द्वारा अलग-अलग तरीके अपना कर गोवंश ले जाए जा रहे हैं। शनिवार को जंगल के रास्ते पैदल 54 गोवंश महाराष्ट्र के कत्लखाने ले जाए जा रहे थे। इन्हें राष्ट्रीय हिंदू सेना के पदाधिकारियों ने पकड़ने में सफलता हासिल की है।

राष्ट्रीय हिन्दू सेना के प्रखंड अध्यक्ष संजय यादव ने बताया कि संगठन के पदाधिकारियों को सूचना मिली थी कि पाढर चौकी के अंतर्गत आने वाले जंगल के रास्ते से बड़े पैमाने से गोवंश को कत्लखाने ले जाया जा रहा है। तभी हमारे द्वारा संगठन के प्रदेशाध्यक्ष दीपक मालवीय को सूचना कर गोवंश को पकड़ने की योजना बनाई गई। इसके बाद जंगल में जा कर 54 नग गोवंश को तस्करों से आजाद करवाया गया।

प्रदेश अध्यक्ष दीपक मालवीय ने बताया कि 7 आरोपियों को भी धर दबोचा है। आरोपियों में गुडेन काकोडिया, राजेश उईके, सतीश उईके, संदीप कोचडे, महेश कोचडे, दिलीप काकोडिया, शांतिलाल कडोडिया शामिल हैं। इनसे पूछताछ की तो आरोपियों ने बताया कि यह गोवंश होशंगाबाद के बाबई व्यापारियों ने हमें मजदूरी से 500 रूपए रोज से ले गए थे।

मध्य भारत प्रान्त अध्यक्ष पवन मालवीय ने बताया कि गोवंश तस्करी की सूचना तत्काल बैतूल पुलिस अधीक्षक को दी गई एवं पाढर चौकी प्रभारी बीपी मौर्य, एवं पुलिसकर्मी ज्ञानसिंह परते, हाकम सिंह के सहयोग से गोवंश को बरामद कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि बैतूल जिले से आए दिन बड़े पैमाने पर गोवंश की तस्करी हो रही है। उचित कार्यवाही नहीं होने के चलते गोवंश तस्करी रूकने का नाम नहीं ले रही है।

इस कार्यवाही में नगर सह संयोजक प्रवीण साहू, प्रखंड अध्यक्ष सोफ्निल छोटू पंवार, प्रखंड महामंत्री मुकेश यादव, ग्राम उपाध्यक्ष महेंद्र यादव, महुपानी गांव अध्यक्ष रितेश यादव, ग्राम सह संयोजक नवीन यादव, चमन यादव, तुलाराम यादव, अंकित यादव, हरिओम यादव, मुकेश यादव आदि मौजूद थे।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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