▪️ प्रकाश सराठे, रानीपुर
पूरे बैतूल जिले में रेत का ठेका ना होने और रेत का मामला न्यायालय में जाने से जिले भर में अवैध तरीके से रेत का उत्खनन और परिवहन का कार्य (Illegal sand mining and transportation) जोरों पर चल रहा है। इसको लेकर वन विभाग, खनिज विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन सभी मौन साध कर बैठे हैं या यूं कहे कि मौन स्वीकृति देकर बैठे हैं।
बैतूल और छिंदवाड़ा जिले के बॉर्डर पर खैरवानी के रास्ते रामपुर से बेखौफ होकर ओवरलोडिंग रेत परिवहन करने का कार्य किया जा रहा है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि छिंदवाड़ा जिले के रामपुर-बैतूल जिले के बॉर्डर को पार करते हुए सारनी के जय स्तंभ चौक से होते हुए सीधा महाराष्ट्र रेता जा रही है।
सारनी थाना की सीमा के अलावा रानीपुर और कुछ ट्रक तो बरेठा से पाढर होते हुए महाराष्ट्र को जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में इन थानों के प्रभारी अवैध रेता परिवहन करने वाले ट्रकों को बेखौफ होकर कैसे जाने दे रहे हैं, यह सबसे बड़ा जांच का विषय बना हुआ है।
पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में
छिंदवाड़ा जिले के और बैतूल जिले के बॉर्डर को पार करके सारनी के जय स्तंभ चौक से बेखौफ होकर जाना स्थानीय पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। बताया जाता है कि एक सप्ताह पूर्व कांग्रेस नेता के एक इशारे पर रेता से भरे एक ट्रक को छोड़ने का काम सारनी पुलिस के माध्यम से किया गया था।
जबकि दो दिन बाद ही दूसरा रेत से भरा ट्रक सारनी पुलिस के माध्यम से पकड़ा गया था। इस ट्रक पर स्थानीय पुलिस के माध्यम से कार्रवाई की गई। एक पर कार्रवाई करना और दूसरे ट्रक को छोड़ना स्थानीय पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है।
ओवरलोड को लेकर दोनों डंपरों पर कार्रवाई की गई है। एक में जहां 5 घन मीटर रेत ज्यादा पाई गई वहीं एक में 2 घन मीटर रेत ज्यादा निकली है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई कर डंपरों को पुलिस अभिरक्षा में सौंप दिया गया है।
भगवंत नागवंशी, जिला खनिज अधिकारी, बैतूल