यदि आप सोच रहे हैं कि पहले स्कूलों में लगने वाले टीकों की तरह 15 से 18 साल के स्कूली बच्चों को लगने वाले टीके भी बिना कोई प्रक्रिया किए वैसे ही लग जाएंगे तो आप गलत हैं। दरअसल, स्कूली बच्चों को स्कूल में चलने वाले अभियान के तहत टीके लगवाने के लिए भी वे सभी प्रक्रियाएं और औपचारिकताएं करना होगा जो कि सामान्य व्यक्ति को करनी होती हैं। जैसे, ना केवल बच्चों का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, बल्कि टीका लगवाने के दिन उन्हें अपना आधार कार्ड भी साथ लेकर स्कूल जाना होगा।
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होशंगाबाद जिले में चल रहे किशोर वैक्सीन जागरूकता कायर्क्रम में विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने यह उपयोगी जानकारी दी। सारिका ने आगे कहा कि बचपन में बुरी नजरों से बचाने के लिए आपके द्वारा अपने बच्चों के चेहरे पर लगाए गए काले टीके के पन्द्रह बरस बाद अब कोविड के वायरस की काली नजरों से बचाने कोवैेक्सीन का टीका लगवाने आपकी बारी आ गई है।
नेशनल अवार्ड प्राप्त सारिका ने कहा कि जिस प्रकार आपने अपने बच्चे को डीटीपी, पोलियो, खसरा आदि से बचाव के लिये टीके बिना किसी संकोच के लगवा कर इन बीमारियों से बच्चे का बचाव किया, उसी कड़ी में अब कोवैक्सीन की बारी है। 28 दिन के अंतर पर लगने वाली दो डोज में से पहली के लिए पंजीयन आरंभ हो चुका है तथा 15 से 18 साल के बच्चों के लिए 3 जनवरी से स्कूलों में इसके लगने की शुरूआत हो रही है।
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टीके के प्रति संकोच या डर का जबाब देते हुए सारिका ने जागरूकता कायर्क्रम में कहा कि जिस प्रकार वयस्क आबादी 2021 में स्वयं वैक्सीन लगवा कर कोविड के घातक प्रभाव से बचाव कर पा रही हैं उसी प्रकार 2022 में किशोरों को सुरक्षाचक्र देने की बारी आ चुकी है। इसके लिए बच्चों के पालक कोविन पोर्टल पर पंजीयन कराएं और बच्चे को नाश्ता या भोजन करवा कर स्कूल भेजें। सारिका ने कायर्क्रम में पम्पलेट की मदद से संदेश दिया कि देर मत कीजिए, ओमिक्राॅन का फैलाव जारी है।
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इन बातों का रखें विशेष ध्यान
🟤 बच्चे को नाश्ता या भोजन करवा कर आधार कार्ड के साथ स्कूल भेजें।
🟤 बच्चे को माता-पिता में से किसी एक के नम्बर की जानकारी देनी होगी।
🟤 टीका लगवाने के लिए अलग से सहमति पत्र की जरूरत नहीं है।
🟤 टीके के लिये पंजीयन पालकों या बच्चे को ही कराना होगा।
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