बैतूल। जिले की जनपद पंचायत शाहपुर की ग्राम पंचायत कछार में विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता और अनुपयोगी कार्य करा कर बजट को चूना लगाया जा रहा है। वहीं पंचायत प्रतिनिधि हर काम में कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रख बेपरवाह हैं। उन्हें न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है।
भ्रष्टाचार के चलते गांव का विकास नहीं हो पा रहा है। भ्रष्टाचार को लेकर जनपद में कई बार ग्रामीणों ने शिकायते भी की है। बावजूद इसके कार्यवाही न होने से भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं। ग्राम पंचायत में सरपंच-रोजगार सहायक की मनमानी के कारण गांव का विकास रुका पड़ा हुआ है। जबकि पंचायत का कार्यकाल पूरा हो चुका है, चुनाव न होने के चलते मनमानी करने की इनको खुली छूट मिल गई है।
ग्रामीण रमेश ठाकरे, मदन ठाकरे, संजू यादव ने जिला कलेक्टर सहित मुख्य सचिव, प्रभारी मंत्री, सांसद, जिला पंचायत सीईओ, जिला पंचायत अध्यक्ष को मामले की शिकायत की है। उन्होंने आवेदन में ग्राम पंचायत कछार के सरपंच मंगलसिंह लोखंडे एवं रोजगार सहायक राजकुमार ठाकरे पर शासकीय कार्यों में भ्रष्टाचार व लापरवाही करने के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत कछार में बड़े पैमाने पर अनिमितता एवं भ्रष्टाचार रोजगार सहायक राजकुमार ठाकरे और सरपंच मंगलसिंह की मिलीभगत से की जा रही है। इनमें कहीं ना कही कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों का हाथ भी इनके के ऊपर है।
कछार ग्राम के हरिजन मोहल्ला में पेयजल नलकूप का निर्माण कार्य 2019-20 में किया गया जिसका निर्माण कार्य अभी अधूरा है, जिसकी राशि रोजगार सहायक द्वारा अपने सगे सम्बन्धी के खाते में डालकर राशि का गबन किया गया। अब पूछने पर पंचायत द्वारा कहा गया राशि समाप्त हो गयी है, निर्माण कार्य नहीं हो पायेगा।
जब ग्रामीणों द्वारा इस सम्बन्ध में सरपंच व रोजगार सहायक से पूछा कि ऐसा क्यों, तो उन्होंने जानकारी देने से मना किया और कहा कि हमें ऊपर से आदेश है। तुम्हें जहां जाकर शिकायत करनी हो कर दो, हम इसी तरह से काम करेंगे।
फर्जी मजदूरों के नाम पर निकाली राशि
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वर्ष 2019-20, 2020-21 में रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार सहायक के परिवार के सदस्यों ओम ठाकरे, कलाबाई ठाकरे, विनोद ठाकरे व दीपक ठाकरे की रोजगार गारंटी अंतर्गत हाजिरी देकर गलत तरीके से भुगतान किया गया। जबकि समस्त ग्रामवासियों को यह मालूम है कि इन सदस्यों ने रोजगार गारंटी योजना में काम नहीं किया है।
राजकुमार ठाकरे के रोजगार सहायक बनने के बाद से उनके घर के सदस्यों द्वारा किसी प्रकार की रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत कार्य नहीं किया गया है। जबकि रोजगार सहायक द्वारा स्वयं के निजी घरेलू कार्यों को कराकर उक्त मजदूरों की मजदूरी का भुगतान ग्राम में चल रही रोजगार गारंटी के अंतर्गत पंचायत के माध्यम से किया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत कछार में सरपंच एवं रोजगार सहायक ने पंचायत में होने वाले कार्यों को पैसे कमाने का जरिया बना रखा है। शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि सरपंच एवं रोजगार सहायक के विरुद्ध जाँच कर कड़ी कार्यवाही करें व उन्हें ग्राम पंचायत कछार से हटाया जाएं।