UPSC TOPPER SHRUTI SHARMA : चार सालों से चल रही थी तैयारी, ऐसे पाई कामयाबी, जानें यूपीएससी टॉपर श्रुति शर्मा से सफलता के गुर

UPSC Final Result 2021: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने वाली श्रुति शर्मा का मानना है कि तैयारी के लिए पढ़ाई कितने घंटे की, यह मायने नहीं रखता है। महत्व इस बात का होता है कि पढ़ाई के दौरान कितना कुछ सीखा। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के लिए रणनीति बनाकर तैयारी करनी चाहिए। मानसिक एकाग्रता और धैर्य बनाए रखना भी जरूरी है। श्रुति शर्मा ने कहा कि वह अपनी सफलता का श्रेय हर उस व्यक्ति को देना चाहती हैं, जिन्होंने उनका सहयोग किया। उन्होंने अपने माता-पिता, दोस्त, जामिया की कोचिंग सहित उन शैक्षणिक संस्थानों को श्रेय दिया, जहां उन्होंने पढ़ाई की।

ट्विटर हैंडल पर अब श्रुति शर्मा आईएएस

सोमवार दोपहर को जैसे ही परिणाम घोषित हुए श्रुति के ट्विटर हैंडल पर उनका नाम भी बदल गया। श्रुति ने अपने नाम के आगे आईएएस जोड़ दिया। साथ ही अपनी प्रोफाइल पिक्चर को भी अपडेट कर दिया। श्रुति को हर कोई सोशल मीडिया पर तलाशने लगा। उनके साक्षात्कार से लेकर उनके वीडियो तेजी से वायरल होने लगे। इंस्टाग्राम, ट्वीटर, फेसबुक पर श्रुति टॉप ट्रेंडिंग में थीं। हर प्लेटफॉर्म पर उन्हें बधाई दी जा रही थी।

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मां और नानी को पहले बताया परिणाम

श्रुति बताती हैं कि जब परिणाम आया तो घर पर नानी और मां थी। उन्हें सबसे पहले इसकी जानकारी दी। पिता को फोन पर अपनी सफलता के बारे में बताया। उनके पिता सुनील दत्त शर्मा इंजीनियर हैं। परिणाम सुनकर परिवार के सभी सदस्य भावुक हो गए। वह पिछले चार वर्षों से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं।

श्रुति का परिवार मूल रूप से बिजनौर के बास्टा कस्बे का रहने वाला है। वे दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में रहते हैं। श्रुति ने डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास ऑनर्स में स्नातक और जेएनयू में इतिहास से परास्नातक किया है। वह पिछले दो साल से जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग से पढ़ाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे स्वीकार करेगीं, लेकिन उनकी व्यक्तिगत रुचि शिक्षा और महिला सशक्तिकरण क्षेत्र है। उन्होंने अपनी पहली प्राथमिकता में यूपी कैडर को रखा है। उन्होंने अपनी सफलता का कोई एक मंत्र नहीं बताया, बल्कि कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए एक रणनीति बनाना जरूरी है। जो पढ़ा उसके नोट बनाना, दोहराना और फिर संबंधित विषय पूरी तरह याद कर लेना।

दूसरे प्रयास में मिली सफलता

श्रुति ने बताया कि यह उनका दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में भाषा संबंधी कुछ परेशानी के चलते उन्हें मुख्य परीक्षा हिंदी में देनी पड़ी थी। पिछली बार वह एक नंबर से चूक गई थीं। मगर, वह इसे भुलाकर लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाती रहीं।

कुछ देर विश्वास ही नहीं हुआ

अपनी सफलता से उत्साहित श्रुति शर्मा ने कहा कि वह यूपीएससी परीक्षा में पास होने को लेकर तो आश्वस्त थीं, मगर पहली रैंक की उम्मीद नहीं थी। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वह पहले स्थान पर हैं।

टॉप 10 ट्रेंडिंग में पहुंची श्रुति

सोमवार को जैसे ही संघ लोक सेवा आयोग ने परीक्षा परिणाम जारी किए, श्रुति को हर कोई सोशल मीडिया पर तलाशने लगा। उनके अभ्यास साक्षात्कार से लेकर उनके वीडियो तेजी से वायरल होने लगे। इंस्टाग्राम, ट्वीटर, फेसबुक पर श्रुति टॉप ट्रेंडिंग में थीं। हर प्लेटफॉर्म पर उन्हें बधाई दी जा रही थी।

शीर्ष 25 स्थानों पर 15 पुरुष और 10 महिलाएं

सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों में शीर्ष 25 स्थानों पर 15 पुरुष और 10 महिलाएं हैं। सफल परीक्षार्थियों में सामान्य वर्ग के 244, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 73, अन्य पिछड़ा वर्ग के 203, अनुसूचित जाति के 105 और अनुसूचित जनजाति के 60 परीक्षार्थी शामिल हैं। सिविल सेवा परीक्षा हर साल तीन चरणों में होती है, जिसके तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों का चयन किया जाता है। परीक्षा परिणाम यूपीएससी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।

News & Image Source :  https://www.livehindustan.com/career/story-upsc-exam-sarkari-result-topper-shruti-sharma-first-told-the-result-of-mother-and-grandmother-family-members-got-emotional-after-hearing-6569445.amp.html

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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