राजस्थान (Rajsthan) में कांग्रेस सरकार द्वारा बुधवार को पेश किए गए बजट (Budget) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर दी है। बुधवार को पेश किए गए बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा की है। इस योजना को मध्यप्रदेश (MP) में भी लागू करने की मांग को लेकर बैतूल विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक (MLA) निलय विनोद डागा (Nilay Vinod Daga) ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को पत्र लिखा है।
पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि राजस्थान सरकार द्वारा हाल में प्रदेश के कर्मचारियों के हित में निर्णय लेते हुए उनके राज्य के कर्मचारियों को अशंदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है। राज्य के कर्मचारी भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग व आंदोलन काफी लंबे समय से लगातार करते आ रहे हैं।
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इसके बावजूद शासन द्वारा अब तक इस पर कोई विचार नहीं किया गया। जिससे राज्य के कर्मचारियों में रोष व्याप्त हैं। साथ ही कर्मचारियों द्वारा केन्द्र सरकार के समान मंहगाई भत्ता व गृह भाड़ा भत्ता दिए जाने की भी मांग की जा रही हैं। उक्त मांगें आज तक लंबित हैं।
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श्री डागा ने प्रदेश सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि राज्य कर्मचारियों के आर्थिक और सामाजिक हितों को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन स्कीम लागू कराने एवं महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा भत्ता केन्द्र सरकार के समान शीघ्र भुगतान अति शीघ्र किया जाएं।
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राजस्थान में खत्म होगी अंशदायी पेंशन
उल्लेखनीय है कि बुधवार को पेश किए गए बजट में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि एक जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन मिलेगी। रिटायर होने पर अब कर्मचारियों को पूरी पेंशन मिलेगी और अंशदायी पेंशन योजना खत्म कर दी जाएगी।
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जीवन से गहराई से जुड़ा है मुद्दा
विधायक श्री डागा ने कहा कि पुरानी पेंशन का मुद्दा कर्मचारियों के जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ हैं। जहां पर एनपीएस उन्हें मात्र 400 से 500 रुपए दे रहा है लेकिन पुरानी पेंशन पारिवारिक पेंशन होती हैं। इससे व्यक्ति आत्मनिर्भर और सम्मान पूर्वक जीवन जीता हैं। इसलिए मध्यप्रदेश में भी राजस्थान की तर्ज पर पुरानी पेंशन को लागू किया जाना चाहिए।