जिला मुख्यालय के आटो चालक आज अपने-अपने आटो खड़े कर सड़क पर उतर आए हैं। वे इस बात से खफा हैं कि ऑटो में मीटर लगाने के लिए उनसे मनमाना शुल्क लिया जा रहा है। यह शुल्क भी थोड़ा-बहुत अधिक नहीं बल्कि काफी अधिक है। इसके अलावा वे अन्य कई समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने अपने ऑटो घरों में खड़े कर दिए हैं।
ऑटो चालकों के अनुसार इन दिनों परिवहन विभाग द्वारा ऑटो की लगातार जांच-पड़ताल की जा रही है। परमिट नहीं होने पर सख्त कार्यवाही की जा रही है। दूसरी ओर बिना मीटर के परमिट बन नहीं रहे हैं। मीटर लगाने के लिए माप-तौल विभाग ने एक एजेंट को काम सौंपा है। ऑटो चालकों के अनुसार शासन द्वारा मीटर लगाने का शुल्क 100 रुपये निर्धारित किया गया है, लेकिन एजेंट द्वारा इसके बजाय 1000 रुपये लिए जा रहे हैं। यही नहीं रसीद मात्र 100 रुपये की दी जा रही है। ऑटो चालकों का कहना है कि मीटर लगाने के नाम पर उनका सीधे-सीधे आर्थिक शोषण हो रहा है। उनकी मांग है कि या तो मीटर लगाने का शासन द्वारा निर्धारित शुल्क ही लिया जाए और पूरे शुल्क की रसीद उन्हें दी जाएं या फिर बिना मीटर के ही परमिट जारी किए जाएं। इसके अलावा जब तक कागजात कंपलीट न हो, तब तक परिवहन विभाग भी कार्यवाही न करें।
इसी मांग को लेकर आज शहर का कोई भी ऑटो चालक ऑटो नहीं चला रहा है। सभी ने अपने-अपने ऑटो घरों में खड़े कर दिए हैं और सुबह न्यू बैतूल स्कूल में एकत्रित हुए। इसके बाद शहर में रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं। वे वहां कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्या बताएंगे और समस्या का निदान करने की मांग करेंगे। इधर ऑटो नहीं चलने के कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर से बाहर आने वाले यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए परेशान हो रहे हैं।