• नवील वर्मा, शाहपुर
water crisis : बैतूल जिले के गांव-गांव में लाखों-करोड़ों की लागत से जल जीवन मिशन के काम चल रहे हैं। यह बात अलग है कि इसका लाभ ग्रामीणों को अधिकांश जगह नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों को पानी मुहैया कराने में न तो ठेकेदारों की रुचि है और न पीएचई विभाग इसके लिए गंभीर है। यही कारण है कि करोड़ों खर्च होने पर भी ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। वे कई किलोमीटर दूर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
शाहपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बानाबेहडा में भी यही हाल है। यहां नल जल योजना का लाभ ग्रामीणों को अभी तक नहीं मिल पा रहा है। कहने को यहां दो साल से योजना का काम चल रहा है। लेकिन, आज तक भी यह काम पूरा नहीं हो सका है। अब तो हाल यह है कि गाँव में लगाए नल, पाइप लाइन टूट फूट कर बेकार हो गये हैं। योजना का लाभ नहीं मिलने से लोग एक किलोमीटर दूर से पीने के लिए पानी ला रहे हैं। फिलहाल तो ठेकेदार भी जा चुका है और काम बंद पड़ा है। देखें वीडियो…
ग्रामीणों की इस विकट समस्या की ओर ना ठेकेदार ध्यान दे रहा, ना पंचायत के कर्मचारी और ना ही पीएचई विभाग। गांव के हैंडपंपों की स्थिति यह है कि उनमें पानी नहीं आ रहा है। 15 से 20 मिनट तक खाली हैंडपंप चलाना पड़ता है। उसके बाद कहीं थोड़ा-बहुत पानी निकलता है। जल जीवन मिशन योजना के तहत 88.40 लाख से बनी टंकी शोपीस बन कर खड़ी है। पाइप लाइन और नल टूट कर बिखर गये। ग्रामीणों द्वारा दो माह पूर्ण भी शिकायत की गई थी। इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। ग्रामीणों ने कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस से मांग की है कि जल जीवन मिशन का काम जल्द पूरा करवाकर उन्हें पानी मुहैया करवाया जाएं।
काम में भी भारी लापरवाही
यहां जल संरक्षण के नाम पर हुए कार्यों में भी भारी लापरवाही हुई है। जामुनढाना मोहल्ला शिव मंदिर के पास हैंडपंप में सोख्ता टंकी नहीं बनी। सिर्फ दिखावे के लिए पत्थर डाल दिए गए हैं। इसी तरह माता मोहल्ला में सोखता टंकी बनी है पर तराई नहीं होने के कारण टंकी फूट गई है। ग्रामीणों ने इन कार्यों की भी जांच की मांग आला अधिकारियों से की है।
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