देखें वीडियो : एक किलोमीटर तक खेतों और पगडंडियों से पैदल चले कलेक्टर, नदी भी की पैदल पार, फिर पहुंचे ग्राम संवाद कार्यक्रम में और सुनी समस्याएं

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▪️ दीनू पवार, साईंखेड़ा

IAS Working : माना जाता है कि आईएएस और आईपीएस अफसरों को केवल एसी दफ्तरों में बैठकर आरामदायक नौकरी भर करना पड़ता है। लेकिन, ऐसा नहीं नहीं है। कभी-कभी इन्हें भी ऐसे हालातों से दो-चार होना पड़ता है जिनसे अमूमन शहरी लोगों का भी वास्ता नहीं पड़ता। हालांकि इसके लिए उनमें लोगों तक पहुंचकर और उनकी समस्याएं सुनने और निराकरण करने का जज्बा होना जरूरी है।

कुछ ऐसा ही जज्बा गुरुवार को बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस (Betul Collector Amanbir Singh Bains) ने दिखाया। आज ग्राम पंचायत जूनापानी में ग्राम संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कलेक्टर श्री बैंस द्वारा लोगों की समस्याएं सुनी गई। ग्राम उमनबेहरा का कच्चा मार्ग होने के कारण वे एक किलोमीटर पैदल चले। बीच रास्ते में गाँव के किनारे की छोटी नदी पैदल पार की और मैदानी स्तर पर पहुँचे। वहां पहुंचकर आम ग्रामवासियों को हो रही परेशानियों की जानकारी ली। समस्याओं का मुआयना किया।

ग्राम की प्राथमिक शाला भवन की खस्ताहाल स्थिति को देखकर जल्द नये भवन की स्वीकृति करने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही मार्ग पर स्थित नदी पर पुलिया का कार्य स्वीकृत करने का आश्वासन दिया गया जिससे गांव का आवागमन सुचारू हो सके।

कलेक्टर श्री बैंस के इतनी परेशानियों से जूझते हुए अपने गांव और अपने बीच पहुंचे देखकर ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं था। इसके साथ ही उनके चेहरों पर इस बात की आश्वस्ति भी नजर आ रही थी कि जब कलेक्टर इस तरह उनके गांव तक पहुंच सकते हैं तो उनकी समस्याओं का निराकरण भी जरूर होगा। वीडियो में देखें कलेक्टर कैसे पहुंचे गांव तक…

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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