◼️ सुभाष कास्देकर, नढ़ा (आठनेर)
बैतूल जिले में निर्माण कार्यों के नाम पर किस कदर अंधेरगर्दी चलती है, इसका एक और नमूना सामने आया है। जिले के आठनेर ब्लॉक में नढ़ा नदी पर इस साल ही बना रपटा भी बह गया है। रपटे के बह जाने से क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोगों की आवाजाही प्रभावित हो गई है। अब वे अपने जरुरी कार्यों के लिए भी महाराष्ट्र के मोर्शी नगर नहीं जा पाएंगे।
ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार धारूल से आधा किलोमीटर दूर स्थित नढ़ा नदी पर यह रपटा बनाया गया था। इस मार्ग से अंबादेवी, पाट होते हुए लोग महाराष्ट्र के मोर्शी आना-जाना करते हैं। यहां से मोर्शी पास होने के कारण अधिकांश लोगों को वहीं अधिकांशत: जाना होता है। बाजार से लेकर आपातकालीन सेवाओं तक के लिए ग्रामीण मोर्शी पर ही निर्भर हैं। बारिश में हर साल उन्हें परेशानी झेलना होता था। यही कारण है कि नदी पर रपटा बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
बीते साल उनकी सालों की मांग पूरी हुई और यहां रपटा बनना शुरू हुआ। इसी साल इस रपटे का काम पूरा हुआ था। बताते हैं कि 13 से 14 लाख में यह कार्य किया गया था। ग्रामीणों को लग रहा था कि अब उनकी मुसीबत हमेशा के लिए खत्म हो गई। लेकिन, ऐसा नहीं था। घटिया निर्माण कार्य के चलते पहली बारिश ने ही उनके अरमानों पर पानी फेर कर रख दिया है। बीती रात हुई बारिश से नदी में आई बाढ़ के कारण यह रपटा भी बह गया है। अब हाल यह है कि इस रपटे से वाहन निकलना तो दूर पैदल निकल पाना भी दूभर हो गया है। देखें वीडियो…
इन गांवों के लोग हुए प्रभावित
इस रपटे के बह जाने के कारण धारूल, मानी, केलबेहरा, हीरादेही, कांवला, गणेशपुर सहित आसपास के कई गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं। अब यदि गांव में कोई गंभीर बीमार पड़ गया या किसी को जरुरी कार्य से मोर्शी जाने की जरुरत पड़ गई तो वह बिल्कुल नहीं जा सकेगा। यही कारण है कि ग्रामीणों ने जल्द से जल्द इस रपटे का दोबारा निर्माण कार्य कराए जाने की मांग की है। इसके साथ ही इस कार्य की जांच कर लापरवाही बरतने वालों पर भी सख्त कार्यवाही की मांग उठाई है।
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