बैतूल। मप्र एनएसयूआई के छात्र नेता हर्ष भुसारी ने कहा कि उद्योगपतियों को राहत देना सरकार नहीं भूलती। पर छात्रों की फीस में कोई राहत नहीं दी गई। सरकार गरीब छात्रों की तरफ देखना ही नहीं चाहती। उन्होंने सवाल उठाया कि स्कॉलरशिप और फैलोशिप समय पर कब और कैसे मिलेगी।
पिछले 2 साल से सरकार नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के फंड को योजना बना रही है लेकिन अब तक उसे दे नहीं पाई। कोविड के बाद खस्ताहाल हो चुके शिक्षा विभाग को डिजिटल शिक्षा से ठीक करने की बात हुई पर छात्रों को संसाधन व इंटरनेट कैसे मिलेगा? इस पर न कोई मदद मिली न ही कोई चर्चा हुई।
लगातार छात्र आंदोलनों के बाद सरकार को समझ आ गया कि बेरोजगारी भारत की सबसे बड़ी समस्या है। लेकिन, इस पर कोई एक्शन प्लान नहीं बनाया गया है। यह सिर्फ हर बार की तरह 60 लाख नौकरियों की हेडलाइन बनकर रह जाएगा।