आदिवासी ग्रामों की दीवाली में होती है खुशियों और उल्लास की दमक (देखें वीडियो)

  • उत्तम मालवीय, बैतूल © 9425003881
    सामान्य लोगों के लिए दीवाली की धूम महज एक दिनों के लिए रहती है, लेकिन असली त्यौहार तो जिले के आदिवासी ग्रामों में मनाया जाता है। इन ग्रामों में दीवाली की धूम एक महीने तक रहती है। उनकी दीवाली की एक खास बात यह होती है कि यह पर्व उनके लिए महज एक औपचारिकता नहीं होता बल्कि वे दिल से दीवाली का यह त्यौहार मनाते हैं। यही कारण है कि उनकी दीवाली में परंपरा के साथ ही उत्साह, खुशियों और उल्लास की दमक भी नजर आती है। ऐसा ही कुछ नजारा देवपुर कोटमी में मनाई गई दीवाली में भी नजर आया।

    चिचोली क्षेत्र के ग्राम देवपुर कोटमी में इस वर्ष भी ग्यारस में मनाई जाने वाली दीवाली धूमधाम से मनाई गई। रात्रि में डंडार नाच-गाना का कार्यक्रम किया गया और आज सुबह धूमधाम से बैलों का जुलूस निकाला गया। लंगड़ी डांस और आदिवासी गीत गाते हुए जुलूस निकाला गया। ग्रामीण मंशाराम इवने, मनासिंग इवने, शिवलाल इवने, जिराती इवने, बिराज इवने, कमलेश इवने, मूरत इवने के द्वारा बैलों का जुलूस सम्पन्न किया गया। रात्रि डंडार प्रतियोगिता में दिसन लाल इवने, कमलेश इवने, मोहन इवने, सुनील इवने, उमेश इवने, सैलास, फूलचंद उइके, हरिकचंद उइके, दिनेश इवने, प्रकाश इवने, शिवपाल इवने, बिराज इवने, ललित इवने, मंजेश इवने, मितेश इवने, राकेश उइके, बस्तीराम इवने, किसन इवने, बाराती इवने, बिहारसिंग इवने, शिवदिन पटेल मौजूद थे।

  • उत्तम मालवीय

    मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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