मंगलवार की दोपहर में ठीक 12.22 बजे खगोलीय दुनिया में एक महत्वपूर्ण घटना होगी। वह यह कि उस वक्त सूर्य (सूरज) और वसुंधरा (पृथ्वी) के बीच सबसे कम अंतर रहेगा और वे दोनों एक-दूसरे के सबसे करीब होंगे। खगोल विज्ञान में इसे पेरीहिलियन (perihelion) कहा जाता है। दरअसल, 2022 में हर एक अंक जोड़ी बनाता दिख रहा है तो आज 4 जनवरी सौर परिवार में पृथ्वी भी सूरज के समीप आकर जोड़ी बनाने जा रही है। सूर्य के चारों ओर अंडाकार पथ में परिक्रमा करते हुए पृथ्वी साल के सबसे नजदीक बिंदु पर होगी।
यह भी पढ़ें… सूर्य ग्रहण: भारत में रहेगी चटक धूप पर अंटार्कटिका में छा जाएगा अंधेरा
नेशनल अवॉर्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि आज दोपहर 12 बजकर 22 मिनिट पर दोनों के बीच यह दूरी सिमटकर 14 करोड़, 71 लाख, 5 हजार, 52 किलोमीटर रह जाएगी। साल में एक बार यह सूरज के सबसे पास होती है खगोल विज्ञान में इसे पेरीहिलियन कहते हैं। सारिका ने बताया कि इसके बाद 4 जुलाई को जब ये एक-दूसरे से दूर होंगे तो यह दूरी 15 करोड़, 20 लाख, 98 हजार, 455 किलोमीटर होगी। इस घटना को अफीलियन कहते हैं।
यह भी पढ़ें… खगोलीय अजूबा: 22 दिसंबर को होगा सबसे छोटा दिन, मात्र 10.41 घण्टे रहेगा उजाला
यह भी पढ़ें… कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण है भी और नहीं भी
इसमें रोचक बात यह है कि सूरज (sun) के पास रहते हुए ठंड लगती है और दूर जाते ही गर्मी लगती है। मौसम में गर्मी या ठंड का होना पृथ्वी (earth) के अपने अक्ष परझुके होकर घूमने के कारण होता है। झुकाव के कारण किसी समयपृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ रही होती है वहां गर्मी पड़ती है और जहां किरणें तिरछी पड़ती है वहां ठंड महसूस होती है। इसके साथ ही वायु दाब, रेगिस्तान से आने वाली हवाएं आदि भी तापमान को प्रभावित करते हैं।