● उत्तम मालवीय (9425003881) ●
बैतूल। नगर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि पर प्लाट काटकर अवैध कॉलोनियों का जाल बिछाया जा रहा है। इन पर रोक लगाने के लिए राजस्व विभाग के अफसर सख्त कार्यवाही के आदेश तो दे रहे हैं, लेकिन मैदानी अमला उनकी मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। मैदानी अमले की लापरवाही के कारण खेतों में प्लॉट काटे जा रहे हैं और उस पर न तो रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है और न ही प्रबंधन में लेने की कार्रवाई की जा रही है। हद तो यह है कि एक माह बीत जाने के बाद भी राजस्व विभाग का अमला थाने में एफआइआर दर्ज नहीं करा पाया है। इससे अवैध कॉलोनी बनाने वालों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्व एसडीएम रहे सीएल चनाप ने करबला के पास फाइव स्टार डेवलपर्स द्वारा बनाई जा रही कॉलोनी को चार जून 2021 को प्रबंधन में लेने का आदेश जारी किया था। एसडीएम के द्वारा प्रबंधन में लिए जाने का आदेश तो दे दिया गया, लेकिन उसे प्रबंधन में लेने की कार्रवाई नहीं की गई। इसका लाभ उठाते हुए कॉलोनी बनाने वालों के द्वारा निर्माण कार्य बेखौफ तरीके से किए जा रहे थे। प्रबंधन में दर्ज होने के बाद भी कॉलोनी में किए जा रहे निर्माण कार्यों की शिकायत कलेक्टर से की गई। कलेक्टर ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसडीएम को निर्देश दिए। एसडीएम ने 22 सितंबर को बडोरा क्षेत्र में खसरा क्रमांक 14/2, 15 /2 के रकबा 2.300 हेक्टेयर में अवैध रूप से कालोनी का निर्माण करने वाले भुवन पिता हरकचंद शाह निवासी गंज, पांडुरंग पिता पंजाबराव इंगले, रणधीर सिंह पिता सरगुण सिंह बडोरा, मनोज पिता नानकराम आहूजा और रूपेश पिता नानकराम आहूजा के खिलाफ तत्काल पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश नायब तहसीलदार कीर्ति प्रधान को दिए थे। इसके बाद न तो नायब तहसीलदार ने काेतवाली थाना पहुंचकर संबंधितों के खिलाफ मामला दर्ज कराया और न ही वर्तमान में पदस्थ एसडीएम और तहसीलदार ने ही इसकी परवाह की है। राजस्व अधिकारियों की बैठक में पिछले दिनों कलेक्टर ने भी लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई थी, लेकिन स्थिति जस की तस हो गई है। एसडीएम द्वारा जिन अवैध कॉलोनियों को प्रबंधन में ले लिया गया है उनमें भी न तो विकास कार्य कराने की फिक्र हो रही है और न ही उसमें चल रहे निर्माण कार्याें को बंद कराया जा रहा है। इस लापरवाही का ही नतीजा है कि अवैध कॉलोनियों का जाल फैलता जा रहा है।
बडोरा और हनोतिया क्षेत्र हैं निशाने पर
शहर से सटे बडोरा, हनोतिया, बटामा और भरकावाड़ी क्षेत्र अवैध कॉलोनी बनाने वालों के निशाने पर हैं। इन क्षेत्रों में न तो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अनुसार कॉलोनी बनाई जा रही है और न ही रेरा के मापदंडों का पालन ही किया जा रहा है। बडोरा क्षेत्र में तो सापना नदी को ही अवैध कॉलोनाइजर निगल रहे हैं। नदी के बड़े हिस्से में मिट्टी और मुरम का भराव बेधड़क किया जा रहा है, लेकिन इस पर न तो ग्राम पंचायत रोक लगा रही है और न ही राजस्व विभाग का अमला कोई कार्रवाई कर रहा है। भरकावाड़ी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कृषि भूमि पर प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं। यहां पर मकान बनाने वालों को न तो शहरी बिजली की सुविधा मिल पा रही है और न ही सड़क और पानी मिल पा रहा है।
बटामा से फोरलेन पर पहुंचने का प्रयास
नगर के समीप बटामा क्षेत्र में तो अवैध कॉलोनी बनाने वालों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि मनमर्जी से नदी पर पुल बनाने से लेकर बारिश के पानी को नदी तक पहुंचाने के लिए शासकीय भूमि से पाइप बिछा दिए गए हैं। इसके अलावा नदी पर पुल बनाकर नदी किनारे भी कॉलोनी बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में इस क्षेत्र को ट्रांसपोर्ट नगर के रूप में चिन्हित किया गया है लेकिन इसकी अनदेखी कर कालोनी बनाई जा रही हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी…
पांच कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए एसडीएम कार्यालय से ही आदेश दिए गए थे। अब तक इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इसकी जानकारी ली जाएगी।
– प्रभात मिश्रा, तहसीलदार, बैतूल
हमसे नायब तहसीलदार द्वारा एफआईआर करने के संबंध में मोबाइल पर एक बार चर्चा जरूर की गई थी। उन्होंने अगले दिन आने का कहा था, लेकिन अभी तक एफआईआर कराने के लिए वे नहीं आए।
– रत्नाकर हिंगवे, टीआई, कोतवाली, बैतूल
आखिर कहां दब गए कॉलोनाइजरों पर एफआईआर के एसडीएम के आदेश
उत्तम मालवीय
मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।
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