बादल गरजे, बिजली चमके, नहीं खड़े होना पेड़ के पास, बात यह खास रखना है याद… इस तरह का गीतमय संदेश बच्चों ने सुना, गाया और प्रयोग करके समझा। यह सब कुछ किया जा रहा है नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारका सारिका घारू द्वारा स्कूल एवं आदिवासी छात्रावास के बच्चों के बीच।
विद्या विज्ञान के अंतर्गत आपदा प्रबंधन के आयोजित कार्यक्रम में सारिका ने बताया कि बरसात के इन दिनों में आकाशीय बिजली के गिरने से नुकसान की खबरें आती रहती हैं। पेड़ के नीचे खड़े रहने वाले अक्सर इसके शिकार होते हैं। चूंकि बिजली किसी सहारे से पृथ्वी तक पहुंचना चाहती है। इस कारण बिजली पेड़ों की तरफ आकर्षित होती है।
- यह भी पढ़ें : Bijli se suraksha : बारिश में ऐसे बचें बिजली के करंट से, यदि हो जाए घटना तो जान बचाने सबसे पहले उठाएं यह कदम
आकाशीय बिजली से बचाव के उपाय बताते हुये सारिका ने कहा कि बिजली चमकते समय वृक्ष के नीचे न खड़े हों। इसकी जगह किसी मकान में आश्रय ले सकते हैं। अगर बंद वाहन में यात्रा कर रहे हैं तो वाहन के अंदर ही रहें। खुली छत वाले वाहन में यात्रा न करें। बिजली या अन्य धातु के खंभे से दूर रहे। घर में रहते हुये बिजली के उपकरणों से दूर रहें। खिड़किया एवं दरवाजे बंद रखें। घर की पाईप लाईन अगर धातु की है तो नल आदि से दूर रहें।
सारिका ने बताया कि बिजली गिरने की घटना के समय बिजली की पॉवर एक अरब वोल्ट तक हो सकती है। इसमें कुछ हजार से लेकर दो लाख एम्पीयर तक धारा प्रवाह हो सकता है। इस समय इसका ताप सूर्य के सतही ताप से लगभग 4 गुना अधिक तक हो सकता है।
क्या है आकाशीय बिजली
सारिका ने बताया कि बिजली कड़कना प्राकृतिक है। बादलों के अंदर गर्म हवा की गति से धन आवेश ऊपर की ओर तथा नीचे ठंडी हवा होने से ऋण आवेश रहता है। जब इस आवेश की मात्रा अधिक हो जाती है तो इसके पृथ्वी पर गिरने की आशंका बढ़ जाती है। वह किसी सुचालक की तलाश करके पृथ्वी तक आना चाहती है और यह काम पेड़ या खंभे करते हैं। इसके नीचे खड़ा व्यक्ति पानी से तो कुछ देर बच सकता है लेकिन बिजली गिरने की दुघर्टना की संभावना बढ़ जाती है।
https://www.betulupdate.com/56684/