सोमवार को ग्राम पंचायत सिमोरी में एक अभिनव कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ग्राम सिमोरी में पदस्थ रही शिक्षिका स्वर्गीय रत्ना चौरसिया के जन्मदिन पर अजय पवार द्वारा जनजातीय समुदाय के जरूरतमंद बुजुर्गों को कंबल वितरित किए गए। इस अवसर पर शिक्षक शैलेन्द्र बिहारिया, शिक्षक प्रितमसिंग मरकाम ने कहा कि एक शिक्षक के जन्मदिन को मरणोपरांत कोई याद नहीं रखता परंतु श्री पंवार ने शिक्षकों के जन्मदिन को याद रखकर उनके जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाया। यह अभिनव पहल है। इस अवसर पर अजय पवार ने कहा कि शिक्षिका रत्ना चौरसिया स्कूली बच्चों से बहुत प्यार करती थी। वे कई सालों तक पैदल 3 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल गईं। इस अवसर पर शैलेन्द्र बिहारिया ने भी उनको याद कर नारी शक्ति के प्रतिबिम्ब के रूप में उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर सभी ने क्रांतिसूर्य के रूप में विख्यात और धरती के भगवान के नाम से प्रसिद्ध बिरसा मुंडा जी को याद कर ग्राम में सभी को उनकी वीरगाथा सुनाई व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत के रूप में उनको याद किया। इस अवसर पर जनजातीय समाज के बुजुर्गों जिनकी उम्र 80 से अधिक थी, गन्नू, इमरती, फुगिया, ओझा, शांता, रन्दू, राखियां बाई, बिरजू, फुंदो को बुके व कंबल देकर सम्मान किया गया।
अनूठी पहल: स्वर्गीय शिक्षिका के जन्मदिन पर बाटे कंबल
सोमवार को ग्राम पंचायत सिमोरी में एक अभिनव कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ग्राम सिमोरी में पदस्थ रही शिक्षिका स्वर्गीय रत्ना चौरसिया के जन्मदिन पर अजय पवार द्वारा जनजातीय समुदाय के जरूरतमंद बुजुर्गों को कंबल वितरित किए गए। इस अवसर पर शिक्षक शैलेन्द्र बिहारिया, शिक्षक प्रितमसिंग मरकाम ने कहा कि एक शिक्षक के जन्मदिन को मरणोपरांत कोई याद नहीं रखता परंतु श्री पंवार ने शिक्षकों के जन्मदिन को याद रखकर उनके जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाया। यह अभिनव पहल है। इस अवसर पर अजय पवार ने कहा कि शिक्षिका रत्ना चौरसिया स्कूली बच्चों से बहुत प्यार करती थी। वे कई सालों तक पैदल 3 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल गईं। इस अवसर पर शैलेन्द्र बिहारिया ने भी उनको याद कर नारी शक्ति के प्रतिबिम्ब के रूप में उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर सभी ने क्रांतिसूर्य के रूप में विख्यात और धरती के भगवान के नाम से प्रसिद्ध बिरसा मुंडा जी को याद कर ग्राम में सभी को उनकी वीरगाथा सुनाई व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत के रूप में उनको याद किया। इस अवसर पर जनजातीय समाज के बुजुर्गों जिनकी उम्र 80 से अधिक थी, गन्नू, इमरती, फुगिया, ओझा, शांता, रन्दू, राखियां बाई, बिरजू, फुंदो को बुके व कंबल देकर सम्मान किया गया।
उत्तम मालवीय
मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।
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