अजब है इनकी समस्या, कोविड वैक्सीन को लेकर भर चुके अभी तक 9000 रुपये जुर्माना

◆ मनीष राठौर, भैंसदेही
भैंसदेही निवासी एक युवक अजीबोगरीब समस्या से जूझ रहा है। युवक ने वैक्सीन तो 74 दिन पहले लगा लिया है, लेकिन आज तक भी उसका रजिस्ट्रेशन ही सिस्टम में शो नहीं हो रहा है।युवक बस पर कंडक्टरी करता है और रोज महाराष्ट्र जाना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन शो नहीं होने से उसे रोज 200 रुपये का जुर्माना भरना पड़ता है। अभी तक वह 9000 रुपये स्वास्थ्य विभाग की इस गलती के चलते बतौर जुर्माना भर चुका है। दूसरा डोज लगाने पहुंचने पर जब स्वास्थ्य विभाग की गलती सामने आई, तब कहीं उसका रजिस्ट्रेशन किया गया है।
एक ओर शासन-प्रशासन कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर निरंतर जनजागृति अभियान चला रहा है वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही बड़ी लापरवाहियां भी सामने आ रही है। भैंसदेही के वार्ड क्रमांक 14 निवासी रमीज राजा खान भी इन्हीं लापरवाहियों में से एक का खामियाजा भुगतने को मजबूर है। युवक ने 18 सितंबर 2021 को कोरोना वैक्सीन का प्रथम डोज वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंचकर लगाया था। प्रथम डोज लगने के 74 दिन बाद जब वह दूसरा डोज लगाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचा तो उसे वहां पता चला कि अभी उसे प्रथम डोज ही नहीं लगा है।
यह जानकर वह परेशान हो गया क्योंकि उसके द्वारा पहला डोज लगवाया जा चुका था। स्वास्थ्य विभाग दी गई टीकाकरण की एक पर्ची भी उसके पास है। युवक रमीज राजा को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई थी और उस पर 74 दिन बाद सेकंड डोज लगाने के लिए कहा गया था। युवक ने स्वास्थ्य विभाग की एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से चर्चा की तो उन्होंने साफ कहा कि आपको अभी प्रथम डोज नहीं लगा है। युवक ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई पर्ची भी बताई, जिस पर एएनएम ने कहा कि आपका रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है। इसके बाद युवक स्वास्थ्य विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर के बाद पहुंचे और तब युवक का रजिस्ट्रेशन 08 दिसंबर 2021 की तारीख में किया।
रमीज राजा ने चर्चा में बताया कि वे दूसरे डोज के लिए वैक्सीनेशन सेंटर गए थे, लेकिन मेरा प्रथम डोज का रजिस्ट्रेशन अभी तक नहीं दर्शा रहा था। मैं बस पर कंडक्टर का कार्य करता हूं और रोजाना मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र जाता हूं। मुझे हर रोज महाराष्ट्र सरकार को 200 रुपये जुर्माने के रूप में देना पड़ता है। प्रथम डोज का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण मैं अपने वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र महाराष्ट्र के अधिकारियों को नहीं पता पाता हूँ। इसके कारण मुझे रोजाना 200 रुपये का जुर्माना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण देना पड़ता है।
रमीज का कहना है कि मैं स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई पर्ची को महाराष्ट्र के अधिकारियों को बताता हूं तो उनका कहना है कि यह पर्ची मायने नहीं रखती। वे मेरा मोबाइल नंबर और आधार कार्ड ऑनलाइन देखते थे और उसमें वैक्सीनेशन का कोई रजिस्ट्रेशन शो नहीं होता था। इस वजह से मैं अब तक महाराष्ट्र के अधिकारियों को 9 हजार से ज्यादा का जुर्माना दे चुका हूं। यह स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही है। मैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं।

तकनीकी समस्या के कारण युवक का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया होगा, जिसके कारण यह समस्या आ रही है। कई लोगों के साथ इस तरह की समस्या आ रही है। इसका हम निराकरण भी कर रहे हैं।
– डॉ. शैलेंद्र साहू, बीएमओ, भैंसदेही

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

For Feedback - feedback@example.com

Related News

Leave a Comment