बैतूल। ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती को लेकर कांग्रेस विधायक निलय विनोद डागा ने कहा कि प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने का वादा करने वाली सरकार अपने मिशन में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। बीजेपी के शासनकाल में मंत्री बदल गए लेकिन दुर्दशा नहीं बदली। सरकारी बयानों में ग्रामीण क्षेत्रों में भरपूर बिजली सप्लाई का दावा किया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि ग्रामीण और किसान अघोषित बिजली का दंश झेल रहे हैं। बिजली कटौती से किसान बुरी तरह प्रभावित हैं।
विधायक डागा ने अघोषित बिजली कटौती पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिजली की मांग के अनुरूप बिजली की सप्लाई नहीं हो पा रही है, तो बिजली कहां से मिलेगी? बढ़ती गर्मी से जनता परेशान है, लेकिन मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री वस्तुस्थिति से मुंह मोड़े हुए हैं।
भाजपाई झूठे दावों की असलियत अब सामने आ रही है। बिजली संकट के चलते किसानों की गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। अघोषित बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है। गर्मी का पारा चढ़ता जा रहा है, पर राज्य सरकार पर्याप्त बिजली का इंतजाम नहीं कर पा रही है, अफसरों की लापरवाही और अकर्मण्यता पर कहीं नियंत्रण नहीं लग रहा है।
कटौती का नहीं कोई निश्चित समय
गौरतलब है कि इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में लाइट शेड्यूल के नाम पर जमकर बिजली कटौती की जा रही है। अघोषित बिजली कटौती से हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं। कटौती का कोई समय निश्चित नहीं होने से बिजली कब चली जाएगी, यह किसी को पता नही होता है। तीन-चार घंटे के बाद बिजली आकर फिर अचानक चली जाती है जिससे ग्रामीण परेशान हो गए हैं। भीषण गर्मी में जहां पंखा एवं कूलर के बिना एक मिनट भी रहना मुश्किल हो रहा है वहीं ग्रामीण घंटों बिजली नहीं रहने से मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने बताई समस्या
◼️ ग्राम करजगांव के ग्रामीण मुन्ना यादव, कमलेश पाटनकर ने बताया कि ग्राम में बिजली कटौती का कोई समय निर्धारित नहीं है। बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण परेशान हैं। ऐसी स्थिति में जब ग्रामीण शिकायत करते हैं तो उनकी शिकायत सुनने वाला भी कोई नहीं है।
◼️ आमला ब्लॉक के ग्राम रमली निवासी शीला ठाकरे ने बताया कि गांव में पिछले चार-पांच दिनों से प्रतिदिन डेढ़ घंटे की कटौती की जा रही है। वहीं इसके पूर्व तीन माह पहले उन्हें मनमाने बिल दिया गया। उन्होंने बताया कि उनके घर में सिर्फ एक लाइट और पंखा जलता है फिर भी उन्हें लगभग 2 हजार रुपए का बिल थमा दिया गया।
◼️ थाना साईंखेड़ा निवासी कमलेश माकोड़े ने बताया कि वर्तमान में प्रतिदिन दिन हो या रात लगभग डेढ़ से दो घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। गुरुवार भी यही हाल रहे, गॉव में 11 से 2 बजे तक बिजली कटौती की गई। बिजली नहीं होने से गर्मी के चलते लोग हलाकान होते रहे।