स्टाम्प के नाम हो रही लूट, 50 से 100 रुपये तक की अवैध वसूली
बैतूल जिले में लोगों को स्टाम्प के नाम पर जमकर लुटा जा रहा है। स्टाम्प लेने पर सर्विस प्रोवाइडर (सेवा प्रदाता) केवल 5 रुपये शुल्क ले सकते हैं, लेकिन कुछ सर्विस प्रोवाइडर इसकी जगह उनसे 50 से 100 रुपये तक अतिरिक्त लिया जा रहा है। इस संबंध में शिकायतें मिलने पर जिला पंजीयक दिनेश कौशले ने पत्र जारी कर सर्विस प्रोवाइडरों को चेतावनी दी है। जारी पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त विषयान्तर्गत मेरे ध्यान में यह बात लाई गई है कि कतिपय सेवा प्रदाताओं द्वारा आम जन से दस्तावेजों के लिए ईएसएस के माध्यम से ऐसे ई स्टाम्प को विनिर्मित करने के लिए और मुद्रित करने हेतु जिनका रजिस्ट्रिकरण अनिवार्य नहीं है और रजिस्ट्रिकरण का विकल्प नहीं लिया गया है, के विक्रय हेतु ई स्टाम्प जारी करने के लिए जनरेट प्रिंट हेतु निर्धारित दर 5 रुपये अतिरिक्त शुल्क के अलावा 100 से 50 रुपये तक की अधिक राशि लेकर कर रहे हैं। आपका यह कृत्य मध्यप्रदेश स्टाम्प रूल्स 1942 के संशोधित नियम 27 (च) विर्दिष्ट की गई राशि से अधिक राशि लेने का उत्तरदायी बना रहा है। अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि उक्त कृत्यों की पुनरावृत्ति न हो एवं अपने स्वीकृत अनुज्ञप्ति स्थल में यह सूचना पटल पर प्रदर्शित करें कि ई-स्टाम्प हेतु निर्दिष्ट दर के अतिरिक्त केवल ई स्टाम्प जनरेट एवं प्रिंट करने का निर्धारित शुल्क 5 रुपये लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लोगों को स्टाम्प के लिए शुरू से ही अधिक राशि अदा करना पड़ता रहा है। पहले स्टाम्प वेंडर अधिक राशि लेने के लिए स्टाम्प ही नहीं है का बहाना बना देते थे। वे केवल उन्हें ही स्टाम्प मुहैया कराते थे, जिनसे अधिक राशि प्राप्त होती थी। इसके बाद ई स्टाम्प की व्यवस्था होने पर लग रहा था कि अब लूटपाट पर अंकुश लग जाएगा, लेकिन अभी भी लोगों से लूट का सिलसिला बदस्तूर जारी है।