साहब, मेरे पास मेरे ही खेत तक जाने और आने का रास्ता तक नहीं है। मेरी इतनी सामर्थ्य नहीं कि मैं अपने खेत तक आने-जाने के लिए हैलीकॉप्टर का इंतजाम कर सकूंं। इसलिए मुझे अपने खेत तक आने-जाने का रास्ता दिलवाएं या फिर परिवार सहित आत्महत्या करने की अनुमति ही दे दें।
यह गुहार आज कलेक्ट्रेट पहुंच कर एक किसान को लगाना पड़ा। आवेदक किसान दीपक वर्मा ने कलेक्टर के नाम सौंपे अपने आवेदन में बताया कि बैतूल नगर पालिका क्षेत्र के अंबेडकर वार्ड में पटवारी हल्का नंबर 34 के खसरा नंबर 963 पर उसका 6 एकड़ खेत है। अपने इस खेत पर वह कृषि कार्य हेतु पहुंच नहीं पा रहा है। इसके कारण उसके परिवार के सामने जीवन-यापन की समस्या खड़ी हो गई है।
दीपक वर्मा ने बताया कि खेत के चारों ओर अन्य लोगों के खेत हैं। गाड़ाघाट रोड से शासकीय गुहा थी, जिससे खेत पर आने-जाने का रास्ता बना हुआ था। दीपक वर्मा ने यह भी बताया कि 1968-69 के सरकारी नक्शे में इस गुहा को दर्शाया गया है। कुछ लोगों ने इस गुहा को ट्रैक्टर से बखर कर उस पर फसल बोना चालू कर दिया है। इससे आवेदक को अपने खेत में आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है।
कई बार संबंधितों से रास्ता दिए जाने को लेकर चर्चा की गई, लेकिन रास्ता नहीं दिया जा रहा है। इसलिए अब प्रशासन आवेदक को रास्ता दिलवा दें अन्यथा उसे मजबूरी में सपरिवार कलेक्टर परिसर में आत्महत्या करना पड़ेगा। आवेदक ने अपने आवेदन में प्रशासन से रास्ता मुहैया कराने या फिर आत्महत्या की अनुमति प्रदान किए जाने की गुहार लगाई है।