प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी बालाजीपुरम में 9 दिनी ब्रह्मोत्सव पूरे विधि-विधान से आयोजित होगा। इसका शुभारंभ कल बसंत पंचमी से होगा। ब्रह्मोत्सव का समापन 13 फरवरी को होगा।
इस संबंध में बालाजीपुरम संस्थापक सेम वर्मा ने बताया कि भारत के पांचवें धाम श्री रूकमणि बालाजी मंदिर बालाजीपुरम बैतूल में ब्रह्मोत्सव का शुभारंभ कल बसंत पंचमी से होगा। वर्ष 2000 में बसंत पंचमी के दिन ही इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।
इसके बाद हर साल इसी अवसर पर ब्रह्मोत्सव का आयोजन कर सभी देवी-देवताओं में पुन: शक्ति संवर्द्धन किया जाता है। साथ ही वर्ष भर हुए पूजा-पाठ में हुई त्रुटियों के लिए क्षमा मांगी जाती हैं।
श्री वर्मा ने बताया कि पिछले साल कांचि कामकोटि पीठ को इस मंदिर का संचालन सौंप दिया था। अब वहीं परमपूज्य शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती के मार्गदर्शन में ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
पीठ की ओर से नियुक्त मंदिर के मुख्य प्रबंधक चंद्रशेखर ने बताया कि कल बसंत पंचमी पर सुबह 8 बजे से ब्रह्मोत्सव का आरंभ भगवान गणेश के पूजन के साथ होगा। इसके साथ ही प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 12 और शाम को 3 बजे से 7 बजे तक हवन पूजन होगा।
इसके लिए कांचीपुरम से विशेष पंडितों का दल बालाजीपुरम आ चुका है। शासन-प्रशासन के कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए यह धार्मिक उत्सव संपन्न कराया जाएगा। पंडित-पुजारी समेत सभी श्रद्धालुओं के लिए मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। ब्रह्मोत्सव का समापन 13 फरवरी को होगा।