वन विभाग का मैदानी अमला किस तरह से अपने फर्ज की अदायगी कर रहा है इसका नजारा जिले के उत्तर वन मंडल की शाहपुर रेंज के अंतर्गत आने वाली कांटावाड़ी बीट में देखा जा सकता है। इस बीट की सुरक्षा का दारोमदार जिन वनकर्मियों पर है, वे महीने में मात्र 3-4 दिन क्षेत्र में आते हैं। इसी का फायदा उठाकर वन माफिया ने बड़ी संख्या में इस बीट में बेशकीमती सागौन के पेड़ साफ कर दिए हैं। शिकायत पर पहुंची सीसीएफ की फ्लाइंग स्क्वाड को मात्र 2 दिनों की जांच-पड़ताल में 14 ठूंठ मिले हैं। विभागीय सूत्रों का दावा है कि यदि जांच का दायरा बढ़ाया जाए तो अवैध रूप से काटे गए पेड़ों की संख्या आधा सैकड़ा से ज्यादा हो सकती है।
भरोसेमंद सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कांटावाड़ी बीट में अवैध कटाई होने की सूचना विभाग के आला अफसरों को मिली थी। इस पर जिला मुख्यालय से फ्लाइंग स्क्वाड को भिजवाकर जांच कराई गई। इस फ्लाइंग स्क्वाड ने 2 दिनों तक जंगल में घूम-घूम कर जांच की। इस दौरान बीट के कम्पार्टमेंट क्रमांक 230, 233 और 421 में 14 ठूंठ मिले हैं। यह काटे गए पेड़ काफी बड़े और मोटाई के बताए जा रहे हैं। इनमें से कम्पार्टमेंट क्रमांक 421 तो डिप्टी रेंजर के कार्यालय के पीछे ही है। ऐसे में डिप्टी रेंजर की सक्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इन पेड़ों की कटाई से विभाग को 2 लाख से ज्यादा की चपत लगने का अनुमान लगाया जा रहा है। विभागीय सूत्रों का तो यह दावा भी है कि यदि पूरी बीट में जांच हो जाए तो आधा सैकड़ा से ज्यादा पेड़ों की अवैध कटाई आराम से मिल सकती है। विभागीय सूत्रों का दावा है कि इस बीट में पदस्थ कर्मचारी नियमित रूप से फील्ड में रहते ही नहीं है बल्कि वे महीने में मात्र 3-4 दिन ही आते हैं और तब भी जंगल में जाने के बजाय कार्यालयों में मुंह दिखा कर वापस लौट जाते हैं। इससे वन माफिया को खुली छूट मिल जाती है। इस संबंध में चर्चा के लिए सीसीएफ कार्यालय के संलग्र अधिकारी जीपी कुदारे से चर्चा के लिए बार-बार संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। इससे उनसे चर्चा नहीं हो पाई।
कांटावाड़ी बीट में कटाई की शिकायत मिलने पर स्क्वाड ने जांच की थी। बीट में 10 पेड़ कटे मिले हैं। यह पेड़ वहीं लोकल में निस्तारी वालों ने काटे थे। माल मिल गया है और लगभग 4-5 हजार का नुकसान मिल रहा है। प्रतिवेदन कल पेश किया जाएगा।
श्री कवड़े, प्रभारी, फ्लाइंग स्क्वाड, बैतूल